उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बहराइच की सांसद सावित्री बाई फुले (Savitribai Phule) ने गुरुवार को बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा का ऐलान किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह कार्यकाल पूरा होने तक सांसद रहेंगी। सिर्फ पार्टी से इस्तीफा दिया है।
सांसद सावित्री बाई फुले गुरुवार को बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस पर लखनऊ के कैपिटल हाल में आयोजित समारोह में बतौर अतिथि शामिल हुईं। इस दौरान उन्होंने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए।
उन्होंने कहा कि बीजेपी दलित, पिछड़ा व मुस्लिम विरोधी है और आरक्षण खत्म करना चाह रही है। सावित्रीफुले ने कहा कि बीजेपी देश को मनुस्मृति से चलाना चाहती है। बीजेपी पर देश के संविधान को बदलने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि न तो संविधान लागू किया जा रहा है और न ही आरक्षण। उन्होंने कहा केंद्र हमारी मांगें नहीं मान रही है क्योंकि सरकार दलित विरोधी है। हनुमान जी को दलित बताए जाने पर सावित्रीबाई फुले ने कहा कि हनुमान जी दलित थे लेकिन मनुवादियों के खिलाफ थे। तभी राम ने उन्हें बंदर बना दिया।
उन्होंने कहा, ”पुन: विहिप, भाजपा और आरएसएस से जुड़े संगठनों द्वारा अयोध्या में 1992 जैसी स्थिति पैदा कर समाज में विभाजन एवं सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा करने की कोशिश की जा रही है। इसलिए आहत होकर मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं।” सावित्रीबाई फुले की तरफ से यह कदम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से हनुमान की जाति पर की गई टिप्पणी के दो दिन बाद उठाया गया है। योगी आदित्यनाथ ने अलवर जिले के मालाखेड़ा में चुनावी रैली के दौरान यह कहा था- “बजरंगबली जंगल के निवासी थे जो वंचित और दलित थे। जिन्होंने उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूरब से लेकर पश्चिम तक सभी समुदायों को जोड़ने का काम किया था।”