आख़िर तुर्की के लीरा की ऐसी हालत क्यों हो गई है?
लीरा की मजबूती हमेशा से उत्सहाजनक रही है फिर ऐसा क्यों हो रहा है? कहा जाता है कि तुर्की की जो भौगोलिक स्थिति है उससे किसी भी देश को ईर्ष्या हो जाए, क्योंकि वो मध्य-पूर्व और यूरोप दोनों के बाज़ार के क़रीब है. तो समस्या कहां है?
इसमें तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन की भूमिका क्या है, जो दावा करते हैं कि उनके 15 साल के कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था का कायापलट हो गया है. हम आपको बता रहे हैं तुर्की की अर्थव्यवस्था क्यों संकट में है-
अभी लीरा का शुमार दुनिया की वैसी मुद्रा में है जिसके दुर्दिन ठीक होने के नाम ही नहीं ले रहे. इस साल लीरा में अब तक 40 फ़ीसदी की गिरावट आई है. यह गिरावट लंबी अवधि से जारी है. पांच साल पहले दो लीरा देकर एक अमरीकी डॉलर ख़रीदा जा सकता था, लेकिन अब एक डॉलर के लिए 6.50 लीरा देने पड़ रहे हैं.
लीरा में गिरावट की कई वजहें हैं. पिछले कई हफ़्तों से तुर्की का अमरीका से विवाद बढ़ता जा रहा है. ऐसा तब है जब तुर्की पिछले 60 सालों से ज़्यादा समय से नैटो (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) का सदस्य है.