यूपी चुनाव परिणामों पर मुलायम सिंह यादव की प्रतिक्रिया भीआ गई है। नेताजी ने साफतौर पर बेटे अखिलेश यादव को हार के लिए जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही कांग्रेस से हाथ मिलाने को भी भारी भूल करार दिया।
परिणाम के बाद अखिलेश से कोई बात हुई या नहीं, इस सवाल पर मुलायम ने कहा,
अब अखिलेश क्या बोलेगा।
अब अखिलेश क्या बोलेगा।
अपने निवास पर मीडिया से मुखातिब होते हुए मुलायम ने कहा, जो कोई भी इस
गठबंधन को सही कह रहा था वह हकीकत में कोसो दूर था। कांग्रेस को यूपी में
कोई पसंद नहीं करता। सपा को इस गठबंधन की कोई जरूरत नहीं थी। हम अपने दम
पर चुनाव जीत सकते थे। 2012 में भी तो ऐसा ही हुई था।
गठबंधन को सही कह रहा था वह हकीकत में कोसो दूर था। कांग्रेस को यूपी में
कोई पसंद नहीं करता। सपा को इस गठबंधन की कोई जरूरत नहीं थी। हम अपने दम
पर चुनाव जीत सकते थे। 2012 में भी तो ऐसा ही हुई था।
यह भी बोले मुलायमनेताजी के मुताबिक, इस हार की एक और बड़ी वजह पार्टी में चला घमासान है।
इस घमासान के बाद लोगों ने सपा को वोट इसलिए नहीं दिया क्योंकि उनका
अपमान किया गया था।
इस घमासान के बाद लोगों ने सपा को वोट इसलिए नहीं दिया क्योंकि उनका
अपमान किया गया था।
उन्होंने भाजपा की जीत और सपा की हार को विचित्र बताते हु कहा, यह भाजपा
के लिए बहुत बड़ी जीत है, लिहाजा अाज उनका दिन है।
के लिए बहुत बड़ी जीत है, लिहाजा अाज उनका दिन है।
यूपी के अंतिम चरण के मतदान से पहले मीडिया के सामने आई पत्नी साधना पर
पूछे गए सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा, साधना ने कुछ भी गलत नहीं कहा।
यूपी के चुनाव प्रचार में न उतरने के बाबत मुलायम का कहना था कि 2012 में
उन्होनें करीब 300 रैलियां की थीं लेकिन इस बार केवल चार ही रैलियां की,
वह भी बेमन से।
पूछे गए सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा, साधना ने कुछ भी गलत नहीं कहा।
यूपी के चुनाव प्रचार में न उतरने के बाबत मुलायम का कहना था कि 2012 में
उन्होनें करीब 300 रैलियां की थीं लेकिन इस बार केवल चार ही रैलियां की,
वह भी बेमन से।
mulayam
हार के बाद मुलायम की अखिलेश्ा से बातचीत पर वह बोले कि, अब वह क्या
बोलेगा। उन्होंने अखिलेश को सलाह दी कि हार के बाद भी उन्हें जनता के
बीच जाकर जनता को बधाई और धन्यवाद देना चाहिए।
बोलेगा। उन्होंने अखिलेश को सलाह दी कि हार के बाद भी उन्हें जनता के
बीच जाकर जनता को बधाई और धन्यवाद देना चाहिए।
mulayam
बकौल नेताजी, अब यदि जीत चाहिए तो पार्टी को काम करना होगा। मैंने अपने
साथियों के साथ मिलकर दिनरात एक कर पार्टी बनाई और खड़ा किया था। अब हार
का दुख छोड़कर इस पर चिंतन किए जाने की जरूरत है।
साथियों के साथ मिलकर दिनरात एक कर पार्टी बनाई और खड़ा किया था। अब हार
का दुख छोड़कर इस पर चिंतन किए जाने की जरूरत है।
उन्होंने यह भी कहा कि देश में किसी भी राज नेता ने अपने जीते जी सत्ता
की कमान अपने बेटे को नहीं सौंपी थी लेकिन उन्होंने इसके उलट ऐसा किया
अौर सत्ता का वारिस अखिलेश को बनाया था।
की कमान अपने बेटे को नहीं सौंपी थी लेकिन उन्होंने इसके उलट ऐसा किया
अौर सत्ता का वारिस अखिलेश को बनाया था।
mulayam