सिडनी। लगभग 400 करोड़ साल पहले चंद्रमा की सतह पर एक बड़े प्रभाव वाले क्षुद्रग्रह या धूमकेतु ने पृथ्वी की चट्टान के टुकड़े को नुकसान पहुंचाया था। यह निष्कर्ष अपोलो-14 मिशन द्वारा भेजे गए चंद्रमा के नमूनों के विश्लेषण से निकाला गया है।
साइंस जरनल अर्थ एंड प्लेनटरी साइंस लेटर में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि नासा के चंद्र विज्ञान और अन्वेषण केंद्र (सीएलएसई) के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की टीम को इस बात के प्रमाण मिले हैं कि लगभग 400 करोड़ साल पहले पृथ्वी के प्राचीन वातावरण के माध्यम से अंतरिक्ष में जाने वाली सामग्री ने चंद्रमा की सतह (जो अब की तुलना में पृथ्वी के तीन गुना करीब था) से टकराकर चट्टान को नष्ट कर दिया था। इस चट्टान को बाद में जब चंद्रमा की अन्य सतह सामग्री के साथ मिलाया गया तो पता चला कि चट्टान के दो ग्राम टुकड़े को क्वार्टज, फेल्डस्पार और जिरकॉन से बनाया गया था। यह सभी आमतौर पर पृथ्वी पर आसानी से मिलते हैं और चंद्रमा पर इनकी उपस्थिति असामान्य है।
सीएलएसई के मुख्य खोजकर्ता डेविड ए क्रिंग ने बताया कि यह एक असाधारण खोज हैं जो पृथ्वी के शुरुआती दिनों की तस्वीर पेश करती है। उन्होंने कहा कि यह संभव है कि नमूना स्थलीय मूल का नहीं है, बल्कि इसे चंद्रमा पर छोटा किया गया।