लखनऊ विश्वविद्यालय में कोई भी छात्र अब धरना या किसी भी तरह का प्रदर्शन नहीं कर सकेगा। सरस्वती प्रतिमा समेत पूरे विश्वविद्यालय परिसर में इस पर रोक लगा दी गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि विश्वविद्यालय के शैक्षिक माहौल को बेहतर बनाने के लिए यह कदम उठाए गए हैं।

उधर, छात्र संगठनों में इसको लेकर काफी नाराजगी है।
उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन पर विरोध के संवैधानिक अधिकार का हनन किए जाने के आरोप लगाए हैं।
विश्वविद्यालय प्रशासन और जिला प्रशासन की समन्वय समिति ने शनिवार का आयोजित की गई थी। प्रॉक्टर कार्यालय में हुई बैठक में कई फैसले लिए गए हैं।

















