#सुनीलदत्त साहब #लखनऊ आये थे 1949 में । उनको किराये पर मकान मिला #गन्ने वाली गली में। यहां उनकी पहचान थी “अख़्तर” के तौर पर। किराया था दो रुपये महीना। यहां उनके साथ माखी जानी भी आ... Read more
अली हसनैन आब्दी फ़ैज़ राजधानी के अमीनाबाद के व्यापारी व पटरी दुकानदार अब खुलकर एक दूसरे के खिलाफ आमने-सामने आ गए हैं. व्यापारियों ने शुक्रवार को अमीनाबाद बंद कराने के लिए पैदल मार्च... Read more
प्रदीप कपूर मशहूर संगीकार नौशाद अली, जो हमारे शहर लखनऊ के थे , की आज बरसी है। तो हमने सोचा कि उनको याद किया जाय।एक जमाना था कि हमको नौशाद साहब से मिलने,जानने और सुनने का मौका मिला। ये वो जमा... Read more
By:Yusra Husain Small, modest outlets in Lucknow dish out some of the richest cuisine that harks back to the city’s glorious past.. Delicious family secret: The hugely famous Tunday Kababi o... Read more