डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका उसके बहुत बुरा करने की स्थिति में है। 2015 में हुई न्यूक्लियर डील में तय सीमा से अधिक यूरेनियम जुटाने की खबरों पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने ईरान को चेताया कि वॉशिंगटन उसके साथ कहीं बुरा करने की स्थिति में है।
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सोमवार को फॉक्स न्यूज चैनल से बातचीत में ट्रंप ने यह बात कही। ट्रम्प ने कहा अगर युद्ध लड़ा तो मिट जाएगा पूरा देश.
US in position to do far worse: Donald Trump warns Iran
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— ANI Digital (@ani_digital) July 2, 2019
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुसार अगर ईरान अमेरिका के साथ युद्ध लड़ता है, तो आधिकारिक तौर पर उसका अंत हो जाएगा। अमेरिका को फिर कभी धमकी मत देना। ट्रंप की इस धमकी के बाद सवाल उठ रहे हैं कि अमेरिका और ईरान क्या अब युद्ध के अंतिम मुहाने पर पहुंच चुके हैं।
#Trump: 'No message to #Iran, they know they're playing with fire'
STORY: US ramps up tough talk on Iran after it exceeds nuclear deal cap https://t.co/WdPDgeCoxo pic.twitter.com/s6oBNLXLqW
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हालाँकि ईरान ने जवाब में कहा है की हमने कसी भी डील की खिलाफ वर्ज़ी नहीं की और न ही हम धमियों से डरने वाले हैं.
Don't play with fire' Trump warns Iran as they defy nuclear deal to exceed uranium limit https://t.co/dL7fwgIhxP pic.twitter.com/vk4ZDMYbKy
— The California Sun (@Thecalifornias3) July 2, 2019
अमेरिका ने ईरान पर 2015 की न्यूक्लियर डील में तय शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह कभी भी ईरान को परमाणु हथियार तैयार नहीं करने देंगे। हालांकि ईरान ने स्पष्ट किया है कि उसने जॉइंट ऐक्शन प्लान यानी ईरान न्यूक्लियर डील के तहत तय की गई शर्तों का कोई उल्लंघन नहीं किया है।
Abandoning the Iran nuclear deal was reckless and dangerous. We need to return to the agreement, strengthen it, and bring Iran back into compliance. President Trump’s foreign policy is a national security risk.https://t.co/CJ3QJ4PjOg
— Kirsten Gillibrand (@SenGillibrand) July 1, 2019
ईरानी विदेश मंत्री जावेद जारिफ ने सोमवार को कहा कि उनके देश ने डील का उल्लंघन नहीं किया है और हर कदम तय शर्तों के तहत ही उठाया गया है। हालांकि मई से ईरान ने इस डील की कुछ शर्तों को लागू करना बंद कर दिया है। बता दें कि डील के एक साल पूरे होने पर अमेरिका ने मई में इससे अपना हाथ खींच लिया था।
बता दें कि पिछले साल ईरान के साथ हुई डील में अमेरिका और यूरोपीय देशों ने उसे कुछ प्रतिबंधों से राहत दी थी और ईरान ने इस बात पर सहमति जताई थी कि वह परमाणु हथियारों के निर्माण पर काम नहीं करेगा।