ईरान की मशहूर वेबसाइट parstoday.com के अनुसार परमाणु समझौते से अमरीका के निकलने के एक साल बाद और पश्चिमी की ओर से अपने वचनों के पालन न करने के बाद जब ईरान ने युरेनियम के संवर्धन को बढ़ाने का फैसला किया तो इस पर पश्चिमी देशों ने अलग अलग प्रतिक्रिया प्रकट की है।
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वाइट हाउस ने संवर्धित यूरेनियम की मात्रा बढ़ाने सहित ईरान के फैसलों पर एक बयान जारी करके मांग की है कि ईरान, परमाणु समझौते की प्रतिबद्धता करे।
वाइट हाउस के बयान में जेसीपीओए से अमरीका के एकपक्षीय रूप से निकलने का उल्लेख किये बिना दावा किया गया है कि ईरान के हालिया क़दम, जेसीपीओए का उल्लंघन हैं।
Iran exceeds enriched uranium limit set out in the 2015 nuclear deal with world powers, says Foreign Minister Mohammad Javad Zarif https://t.co/ybI4HZIKdw pic.twitter.com/L3lmfdwXsX
— Al Jazeera English (@AJEnglish) July 1, 2019
युरोपीय संघ में विदेशी मामलों की प्रभारी फेड्रीका मोगरेनी की प्रवक्ता माया कोत्सांचीच ने कहा है कि युरोपीय संघ ईरान से अपील करता है कि वह पहले की पोज़ीशन में वापस चला जाए।
Iran's regime has taken new steps to advance its nuclear ambitions. Once again, the regime uses its nuclear program to extort the international community and threaten regional security. The world’s top sponsor of terrorism can never be allowed to enrich uranium at any level.
— Secretary Pompeo (@SecPompeo) July 1, 2019
उन्होंने कहा कि ईरान जब तक परमाणु समझौते से प्रतिबद्ध रहेगा युरोप भी इस समझौते की प्रतिबद्धता करता रहेगा।
Iran nuclear deal: Why does the enriched uranium stockpile matter? https://t.co/8QmckArCrX
— BBC News (World) (@BBCWorld) July 1, 2019
संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव के प्रवक्ता ने भी यूरेनियम के भंडार में वृद्धि के ईरान के फैसले पर कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने कूटनीति की एक उपलब्धि के रूप में जेसीपीओए की सुरक्षा पर हमेशा बल दिया है और सभी पक्षों से मांग की है कि वह इस समझौते की प्रतिबद्धता करें किंतु अमरीकी की मनमानी और एक पक्षीय रूप से इस समझौते से निकलने की वजह से व्यवहारिक रूप से यह अतंरराष्ट्रीय समझौता अनुपयोगी हो गया है।
Iran says it has breached the nuclear deal’s limits on storing enriched uranium, its first clear, intentional violation of the 2015 accord https://t.co/MmluO4FHC9
— The Wall Street Journal (@WSJ) July 1, 2019
इसी मध्य परमाणु ऊर्जा एजेन्सी में रूस के प्रतिनिधि मिखाइल औलियानोफ ने बल दिया है कि ईरान द्वारा संवर्धित यूरेनियम के भंडार में वृद्धि ईरान की संवर्धित यूरेनियम के निर्यात पर अमरीकी प्रतिबंधों का परिणाम है।
रूस के उप विदेश सचिव सरगई रुबानकोव ने भी कहा है कि ईरान द्वारा 300 किलो संवर्धित यूरेनियम की सीमा पार करने का प्रावधान, जेसीपीओए में है और इस पर हैरत नहीं होना चाहिए।
An Iranian source told Fars that the International Atomic Energy Agency found that the enriched uranium exceeded the ceiling of 300 kg. https://t.co/IUUIpzTnwm
— The Jerusalem Post (@Jerusalem_Post) July 1, 2019
विदेशमंत्री मुहम्मद जवाद ज़रीफ ने सोमवार की शाम अपने एक बयान में युरोप द्वारा जेसीपीओए के उल्लंघन का उल्लेख करते हुए कहा है कि ईरान, जेसीपीओए के अनुच्छेद क्रमांक 36 के आधार पर 300 किलो संवर्धित यूरेनियम की सीमा पार कर चुका है लेकिन इसका मतलब, जेसीपीओए का उल्लंघन नहीं है।
#BREAKING UK 'deeply worried' by Iran exceeding uranium limit: Foreign Minister Hunt pic.twitter.com/NOCHgbIkDE
— AFP news agency (@AFP) July 1, 2019
जेसीपीओए से अमरीका को निकले 14 महीनों का समय बीत चुका है और इस दौरान संयुक्त राष्ट्र संघ ने अमरीका को इस अंतरराष्ट्रीय समझौते से प्रतिबद्ध रहने के लिए कोई छोटा सा क़दम भी नहीं उठाया और इस संदर्भ में महासचिव ने केवल बयान ही दिये हैं।