“जब तक कि हमारे देश के युवा आवश्यक कौशल से लैस नहीं होंगे, देश को “डेमोग्राफ़िक डिविडेंड” का लाभ नहीं मिल सकता”, श्री अलोक कुमार, प्रमुख सचिव, व्यवसायिक शिक्षा ने आज बताया । श्री कुमार मेधा संस्था द्वारा 90 दिन के “रोजगार
प्रशिक्षण कार्यक्रम” पूरा करने वाले छात्रों के समारोह में एक सभा को संबोधित कर रहे थे । मेधा लखनऊ में कार्यरत एक सामाजिक संस्था है, जो कि उच्च शिक्षा विभाग, उत्त
र प्रदेश सरकार व राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) द्वारा समर्थित है । समारोह महाराजा बिजली पासी राजकीय डिग्री कॉलेज में आयोजित किया गया था ।
समस्या की भयावहता पर चर्चा करते हुए मेधा के सह संस्थापक व्योमकेश मिश्रा ने कहा, हम हम देश भर में हर साल लाखों ग्रेजुएट पैदा कर रहे हैं, लेकिन ज्यादातर छात्र नौकरियाँ पाने के लिए पर्याप्त रूप से दक्ष नहीं हैं, क्योंकि हमारी शिक्षा प्रणाली आधुनिक कंपनियों की बदलती मांग के साथ तालमेल नहीं रख पा रही है ” । “हमें इस कौशल के अंतर को तत्काल पाटने की आवश्यकता है ,” श्री मिश्रा ने कहा । मेधा का “रोज़गार प्रशिक्षण कार्यक्रम” इसी दिशा में किया जाने वाला प्रयास है ।
समारोह में मेधा प्रशिक्षित छात्रों द्वारा प्रोग्राम में उनकी यात्रा और सफलता की सुंदर झाँकी प्रस्तुत की गई । उनहोंने बताया कि कंप्यूटर व अन्य जॉब स्किल्स के साथ-साथ मेधा कार्यक्रम ने उन्हें आत्मविश्वास से परिपूर्ण बनाने में सहयोग दिया । कार्यक्रम के दौरान टाटा टेलीसर्विसेज, यूरेका फोर्ब्स, फर्स्ट फ्लाइट इत्यादि अग्रणी कंपनियों ने मेधा प्रोग्राम में छात्रों के साथ अपने अनुभव भी साझा किए । कई कंपनियों ने मेधा छात्रों को नौकरियाँ देने की बात भी बतायी ।
मेधा संस्था छात्रों के बेहतर कैरियर व कौशल विकास के लिए, सरकारी कॉलेजों में रोजगार प्रशिक्षण, जीवन कौशल, और प्लेसमेंट प्रोग्राम चलाती है ।