लखनऊ 18 जून : हुसैनाबाद ट्रस्ट की ओर से रमजान में होने वाले इफ्तार प्रबंधन को इस बार प्रशासन बहाने बनाकर नहीं करना चाहता है । प्रशासन का कहना है कि क्योंकि छोटे इमाम बाड़े पर ताला बंद है इसलिए ट्रस्ट की ओर से इफ्तार की व्यवस्था नहीं हो सकेगी , यह सिर्फ बहाना बाजी है संगठनों ने कहा कि छोटे इमामबाड़ा का छोटा गेट और पिछला दरवाजा खुला रहता है जिससे नमाजी मस्जिद में आते जाते हैं पिछले गेट से आराम से अंदर ट्राली जा सकती है । प्रशासन ने इफ्तारी न भेजने का जो बहाना किया वह सिर्फ पैसे बचाने के लिए किया है ।
बड़े इमाम बाड़े में दर्शन पर कोई प्रतिबंध नहीं है ।पिछला दरवाजा जायरीन और भक्तों के लिए खुला हे उसी तरह छोटे इमाम बाड़े में भी जायरीन और भक्तों के लिए छोटा गेट खुला रहता है और पिछला गेट अंदर ट्रॉली ले जाने के लिए पर्याप्त है इसलिए प्रशासन बहाने बनाने बंद करे और रोजेदारों के इफ्तार की व्यवस्था करे।
शिया वक्फ बोर्ड में फैले भ्रष्टाचार और सरकार के लगातार अन्याय के खिलाफ रमजान में भी बड़े इमाम बााड़े पर ताला बंदी जारी रहेगी । मौलाना कल्बे जावद नक़वी के मकान पर हुई संगठनों की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया । अन्जुमनों ने कहा कि सरकार बिल्कुल हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है, सरकार मुसलमानों के अधिकारों के प्रति बिल्कुल गंभीर नहीं है वह केवल वोटों के लिए मुसलमानों से वादा करती है । 80 से अधिक मौजूद संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि अब सरकार से मांग पूरे होने तक लड़ाई जारी रहेगी ।
उल्ेमा की मौजूद होगी में संगठनों ने तय किया कि रमजान के सम्मान में सड़क पर उतर कर कोई विरोध प्रदर्शन नहीं होगा । दोनों इमाम बाड़ों पर शांतिपूर्ण ढंग से धरना जारी रहेगा। इस दौरान दोनों इमाम बाड़ों पर ताला बंदी जारी रहेगी अगर माहे रमजान के दौरान भी सरकार ने मांगें न मानी और मसाएल का हल न निकाला गया तो हम ईद नहीं मनाएं गें । और रमजान के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होंगे। अन्जुमनों ने कहा कि हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से जारी रहेगा जिससे किसी को कोई परेशानी नहीं होगी। हम अपने अधिकारों की वसूली के लिए धरने पर बैठेंगे और रोज दो संघ धरना देंगी।
आज के धरने पर अन्जुमने रौनके इस्लाम और अंजुमन तसवीरे अजा धरने पर बैठी हैं कल 19 जून पहली रमजान को संगठन गुसदस्ताए हैदर और संगठन मेराजुल इस्लाम धरने पर बैठे गी ।