इलाहाबाद. द्वारिका पीठ और ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने कहा है कि राम जन्मस्थली अयोध्या में कभी कोई मस्जिद नहीं थी। स्वरूपानंद ने कहा कि कार सेवकों ने बाबरी मस्जिद को नहीं बल्कि राम मंदिर को तोड़ा था। उनका ऐसा मानना है कि अयोध्या में 14 खंभे वाला जो भी ढांचा था, वह मंदिर की तरह था। शुक्रवार को फोन पर राम मंदिर से जुड़े मुद्दों पर सवाल करने के बाद उन्होंने यह बयान दिया।
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने एक बार राम मंदिर के मुद्दे पर अपने बयान से सभी को चौंका दिया है। फोन पर बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि अयोध्या में कार सेवकों ने हिंदुओं का ही नुकसान किया था। ऐतिहासिक तथ्यों से यह प्रमाणित है कि बाबर कभी भी अयोध्या नहीं आया। ऐसे में वहां कभी भी कोई मस्जिद नहीं थी।
कार सेवकों ने 1992 में जिस ढांचे को गिराया था, वह बाबरी मस्जिद नहीं थी। स्वरूपानंद ने बताया कि कार सेवकों ने ढांचे को नुकसान पहुंचाकर हिंदुओं के मंदिर का एक अहम साक्ष्य मिटा दिया। इससे हिंदुओं का कानूनी पक्ष बहुत कमजोर हो गया है। हिंदुओं ने कोई मस्जिद नहीं बल्कि 14 खंभों पर टिके मंदिर के ढांचे को तोड़ा था।