मालेगांव धमाके के पीड़िता के पिता ने महाराष्ट्र के एनआईए कोर्ट में याचिका दायर करके साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की जमानत पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने साध्वी के चुनाव लड़ने से रोकने की मांग भी की है।
भारतीय जनता पार्टी ने मालेगांव धमाके की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भोपाल सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है। इस ऐलान के बाद से ही साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को चुनाव लड़ने से रोकने के प्रयास तेज़ हो गए हैं। इसी बीच चुनाव आयोग ने कहा है कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर किसी भी मामले में दोषी नहीं हैं और उनपर कोई भी दोष साबित नहीं हुआ है। दूसरी ओर साध्वी प्रज्ञा ने अपनी जमानत के बारे में कहा है कि मैं जमानत पर हूं। मुझे एनआईए ने क्लीन चिट दी है क्योंकि मेरे विरुद्ध कभी कुछ न था और न ही है।
उल्लेखनीय है कि मालेगांव ब्लास्ट केस की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह के खिलाफ जांच एजेंसियों को कई अहम सबूत मिले थे और उसी के आधार पर साध्वी की गिरफ्तारी हुई थी। इनमें सबसे अहम सबूत यह था कि धमाके में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल प्रज्ञा सिंह के नाम पर पंजीकृत थी। इसके अतिरिक्त साध्वी प्रज्ञा और संदिग्ध हमलावर के बीच फोन पर हुई बातचीत के कुछ अंश एजेंसियों को मिले थे जिससे पता चला था कि धमाके की साजिश रचने के लिए भोपाल में एक बैठक आयोजित की गई थी जिसमें साध्वी प्रज्ञा सिंह भी मौजूद थीं। इस प्रकार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर कई आरोप हैं।
महाराष्ट्र के आतंकवाद-रोधी दस्ते, एटीएस ने साध्वी को मालेगांव विस्फोट के प्रमुख षड्यंत्रकारियों में से एक बताया था। उल्लेखनीय है कि 29 सितंबर सन 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए ब्लास्ट के दौरान 7 लोग मारे गए थे जबकि 101 अन्य घायल हो गए थे। इस मामले में अक्टूबर 2008 में साध्वीव प्रज्ञा सिंह को गिरफ्तार किया गया था। वर्तमान में वे गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम (रोकथाम) सहित हत्या, हत्या के प्रयास, आपराधिक साजिश, और धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने जैसे आरोपों का सामना कर रही है। अदालत ने पाया कि आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने आतंक फैलाने और समाज में सांप्रदायिक दरार पैदा करने के उद्देश्य से विस्फोट की साजिश की योजना बनाई थी।