संसार के 22 देशों ने चीन से अनुरोध किया है कि वह शिनजियांग में मुसलमानों की नजरबंदी खत्म करे। ह्यूमन राइट्स वाच का कहना है कि 22 पश्चिमी देशों ने एक बयान जारी करके चीन से अनुरोध किया है कि वह शिनजियांग क्षेत्र के मुसलमानों की नज़रबंदी को समाप्त करे।
बयान में कहा गया है कि चीन में रहने वाले उइगर मुसलमानों के विरुद्ध चीन की भेदभावपूर्ण कार्यवाही अनुचित है। बताया जा रहा है कि चीन के शिनजियांग क्षेत्र में लगभग दस लाख मुसलमान रहते हैं।
How #China intimidates #Uighurs abroad by threatening their families.https://t.co/79vnxGav3y
— Bisma Nazir (@BismaNazir6) July 12, 2019
बताया गया है कि हज़ारों चीनी मुसलमानों को चीन में प्रशिक्षण कैंपों में रखा जा रहा है जबकि उनके बच्चों को बोरडिंग स्कूल के नाम पर अपने ही मां-बाप से अलग किया जा रहा है।
पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया के अनुसार केवल एक ही शहर में 400 से अधिक चीनी मुसलमान बच्चों को उनके माता-पिता से अलग कर दिया गया। जानकारों का कहना है कि शिनकियांग प्रांत में जहां एक ओर मुसलमानों की पहचान बदलने की कोशिशें जारी हैं वहीं पर उनके बच्चों को योजनाबद्ध ढंग से उनकी संस्कृति, धर्म और परिवार से अलग किया जा रहा है।
The world must not forget what China is doing to *millions* of #Uighurs. In the UK, many communities, including the Jewish community, have been speaking out. There must be more pressure put on the Chinese regime. https://t.co/TbblCkiESE
— Jack Mendel (@Mendelpol) July 4, 2019
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन जानबूझकर इस देश के पश्चिमी प्रांत शिनकियांग, के उइगर मुसलमान बच्चों को उनके मां और बाप से अलग रख रहा है। इस प्रकार से उइगर मुसलमानों के बच्चे अपने परिवार, धर्म और भाषा से अलग होते जा रहे हैं। यह काम बोर्डिंग स्कूल की आड़ में किया जा रहा है।