ईरान ने इस हफ्ते धमकी दी कि वह यूरेनियम के भंडार को हथियार बनाने लायक संवर्धित करना शुरू कर देगा. हथियार बनाने लायक यूरेनियम बनाने के लिए क्या करना होता है, और इसमें कितना वक्त लगता है?
2015 में अमेरिका समेत छह देशों के साथ ईरान ने जो करार किया था उसमें यूरेनियम संवर्धन के स्तर की एक सीमा तय की गई थी. अमेरिका पिछले साल इस समझौते से बाहर हो गया और उसने ईरान पर भारी प्रतिबंध लगा दिए हैं. ऐसी स्थिति में अब ईरान ने समझौते में तय सीमा के पार जा कर यूरेनियम का संवर्धन करने की धमकी दी है. ईरान ने अमेरिकी प्रतिबंधों से राहत दिलाने और नया समझौता करने के लिए 7 जुलाई तक का समय दिया है.
यूरेनियम के संवर्धन का मतलब है इसकी सघनता को बढ़ा कर इस तरह का यूरेनियम बनाना जिससे नाभिकीय प्रतिक्रिया हो सके. इस तरह के इस आइसोटोप को यू-235 कहा जाता है. संवर्धन का वास्तव में मतलब है यूरेनियम में से एक और आइसोटोप यू-238 को अलग करना.
यूरेनियम की जब खुदाई होती है तो इसमें एक यू-235 परमाणु के साथ 140 अवांछित परमाणु होते हैं. इसे 2.67 फीसदी की शुद्धता तक साफ करना परमाणु करार में शामिल है. इसका मतलब है कि यू-235 के हर परमाणु के लिए यू-238 के 114 परमाणु निकालने की मंजूरी है.
इसकी शुद्धता को 20 फीसदी बढ़ाने का मतलब है यू-235 के एक परमाणु से यू-238 के 22 और परमाणु को अलग करना. यहां से यूरोनियम को 90 फीसदी शुद्ध करने के लिए यू-238 के महज 4 परमाणु और निकालने की जरूरत होती है. 90 फीसदी शुद्ध यूरेनियम का इस्तेमाल परमाणु बम बनाने के लिए किया जा सकता है. अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर क्रिस्टोफर खीबा का कहना है कि 90 फीसदी शुद्धता हासिल करने की दिशा में अगर 20 फीसदी शुद्धता हासिल कर ली, “तो आप करीब करीब पहले से ही वहां पहुंचे हुए हैं.”
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातोल्लाह अली खमेनेई ने कथित रूप से मंगलवर को कहा है कि 20 फीसदी तक पहुंचना, “सबसे मुश्किल हिस्सा है.. इसके बाद के अगले कदम इससे आसान हैं.” ईरान के बारे में यह जानकारी नहीं है कि उसने पहले कभी यूरेनियम को 20 फीसदी से ज्यादा शुद्ध किय हो.
हार्वर्ड के जॉन एफ केनेडी स्कूल में पढ़ाने वाले मैथ्यू बन ने कहा कि जो सेंट्रीफ्यूग यूरेनियम को 3.67 फीसदी शुद्ध करने में इस्तेमाल होता है, वह संवर्धन को 90 फीसदी तक ले जाने के लिए भी इस्तेमाल हो सकता है.
एक बार अगर तेहरान के पास 20 फीसदी संवर्धित यूरेनियम पर्याप्त मात्रा में आ गया और वह परमाणु बम बनाने का फैसला कर ले, तो उसे महज एक हफ्ते का वक्त लगेगा. मैथ्यू बन का कहना है, बम बनाने के लिए उच्च संवर्धित यूरेनियम “का महज एक बड़े अंगूर के आकार जितना यूरेनियम ही काफी है.”
Talk of double standards. The country with zero nuclear warheads is 'the greatest threat to world peace' and countries with hundreds/thousands of nuclear warheads are messiahs of humanity. #US #UK #Israel #Pakistan #Iran pic.twitter.com/eEWz7nD3Fi
— Zafar Mehdi (@mehdizafar) May 16, 2019
ईरान का कहना है कि वह परमाणु हथियार नहीं बनाना चाहता. हालांकि पश्चिमी देशों के विशेषज्ञों का कहना है कि परमाणु करार से पहले ईरान परमाणु हथियार बनाने का फैसला करता तो वह उससे बस कुछ ही महीने दूर था. ईरान से परमाणु करार करने वाले ओबामा प्रशासन का कहना था कि उसे ईरान को परमाणु हथियार बनाने से एक साल या उससे ज्यादा दूर कर दिया है. यानी पश्चिमी ताकतों को ईरान के परमाणु बम बनाने के इरादों की भनक लग जाए, तो उनके पास इस स्थिति से निबटने के लिए ज्यादा वक्त हो.
आभार:DW.com