इराक़ में चौथा संसदीय चुनाव 12 मई को होने जा रहा है। चुनाव प्रचार लगभग एक महीना पहले शुरु हुआ था जो 11 मई को थम गया।
ज़्यादातर उम्मीदवारों के चुनावी नारे दो तरह के थे एक आर्थिक सुधार और दूसरे जवानों पर केन्द्रित। वास्तव में 2018 के संसदीय चुनाव के नारों और पिछले तीन संसदीय चुनाव के बीच अहम अंतर यह है कि पिछले तीन संसदीय चुनाव सुरक्षा और राजनीति से जुड़े थे।

आर्थिक नारे भ्रष्टाचार और बेरोज़गारी से संघर्ष और जनता की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने पर आधारित थे। इराक़ में आर्थिक भ्रष्टाचार बहुत गंभीर चुनौती बन गया है और पिछले कुछ साल के दौरान इस देश में सरकार विरोधी प्रदर्शन भी इसी विषय को लेकर हुए।