बॉलीवुड के मशहूर गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर अपने ट्वीट को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। जावेद अख्तर लगभग हर समसामयिक मुद्दे पर बेबाकी से अपनी बात जनता के सामने रखते हैं। हाल ही में कर्नाटक में ईसा मसीह का स्टैच्यू गिराए जाने पर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने अपने ट्वीट के जरिए बेंगलुरु पुलिस पर जमकर निशाना साधा है।
जावेद अख्तर ने लिखा, ‘हालांकि, मैं नास्तिक हूं, लेकिन एक भारतीय होने के नाते मेरा सिर शर्म से झुक गया है। कर्नाटक सरकार के आदेश पर बेंगलुरु के पास पुलिस ने ईसा मसीह की प्रतिमा को क्रेन के जरिए हटा दिया।’
Hindu radicals had objected to the statue, and villagers had said some 'outside agitators' had warned Christians from visiting the 4.5-acre site, which had been allocated by the state government for burial for the community in Doddasagarahalli village.https://t.co/6dlrsUWnmw
— The Express Tribune (@etribune) March 8, 2020
Although I am an Athiest I hang my head in shame as an Indian that near Banglore a statue of Jesus was removed with a crane by the police following the orders of Karnataka Govt.
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) March 7, 2020
एक अन्य ट्वीट में जावेद अख्तर ने लिखा, भारत में पहला चर्च आगरा में अकबर के राज में उनकी ही अनुमति और आशीर्वादों के साथ बना था।बता दें कि क्रेन से ईसा मसीह की प्रतिमा हटाए जाने के बाद से ईसाई समुदाय के लोगों मे गुस्सा है।
The first church made in India ( out of Portuguese territories) was in Agra during Akbar ‘s regime with his permission and blessings .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) March 7, 2020
बेंगलुरु के प्रधान पादरी जेए कंठराज ने बताया कि यह प्रतिमा उस जमीन पर थी जिसे कर्नाटक सरकार ने ईसाइयों को अंतिम संस्कार के लिए दी थी। करीब 15 दिन पहले तहसीलदार ने सभी समुदाय के लोगों को बुलाकर कहा था कि यहां से धर्मांतरण की शिकायतें आ रही है, लेकिन लोगों ने उनकी इस बात को नकार दिया था।