लखनऊः उत्तर प्रदेश के भदोही के एक गांव में शनिवार को विस्फोट होने से 10 लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने कहा कि धमाका पटाखे बनाने वाले एक व्यक्ति के घर में हुआ। धमाका इतना तेज था कि इमारत जमीन में धंस गई और पड़ोसी घरों में दरारें आ गईं।
उन्होंने कहा कि वाराणसी-भदोही मार्ग को रोका गया है और दूर तक फैले मलबे को हटाने के लिए जेसीबी मशीनें लगाई गईं हैं। जिला के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि मलबे से 10 शवों को निकाल लिया गया है। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ की एक टीम भी मौके पर पहुंच गई है। अधिकारी ने कहा कि विस्फोट अख्तर अली के घर में हुआ। प्राथमिक जांच में प्रतीत हो रहा है कि आतिशबाजी के भंडार में आग लगने से यह धमाका हुआ है।
इरफान ने अपने मकान में ही पटाखा बनाने की फैक्ट्री बना रखी थी. इसके अलावा भूतल पर पटाखे की दुकान भी थी. शनिवार की सुबह तकरीबन 11 बजे मकान में जोरदार ब्लास्ट हो गया. ब्लास्ट के चलते आसपास के दो मकानों में भी दरारें आ गईं. विस्फोट इतना तगड़ा था कि घरों की दीवारें 100 मीटर दूर तक गिरे.मौके पर पहुंचे डीएम राजेंद्र प्रसाद के मुताबिक मलबे के अंदर कुछ और लोग दबे हैं. घटना किस कारण से हुई, ये अब तक साफ नहीं हो पाया है. गौरतलब है कि ओड़िशा के बालेश्वर जिले में वर्ष 2017 दीपावली से एक दिन पहले पटाखों की एक अवैध फैक्ट्री में विस्फोट होने से कम से कम छह लोगों की मौत हो गई थी. धटना नौ अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे. लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका जताई जा रही थी.
बालेश्वर के जिलाधिकारी प्रमोद कुमार दास ने बताया कि यहां से करीब 12 किलोमीटर दूर एक मकान में शाम करीब चार बजे एक जोरदार धमाका हुआ.मकान में पटाखे बनाए जा रहे थे. छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. उनके शव मिले हैं. दास ने कहा, बिना किसी कानूनी लाइसेंस के अनधिकृत रूप से पटाखे बनाए जा रहे थे. उन्होंने बताया कि 9 घायलों में से 7 को कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया था. अन्य दो का जिला मुख्यालय अस्पताल में इलाज चल रहा था. स्थानीय लोगों ने बताया कि धमाका इतना जबर्दस्त था कि मकान के परखच्चे उड़ गए और भारी नुकसान हुआ. मारे गए लोगों के शव इतने क्षत-विक्षत थे कि उनकी पहचान नहीं हो पा रही थी. पुलिस के अनुसार जांच के बाद ही विस्फोट की सटीक वजह सामने आ पाएगी.