सऊदी पत्रकार जमाल ख़ाशुक़जी का ख़ून लाख जतन के बाद भी सऊदी युवराज मोहम्मद बिन समलान के हाथों से साफ़ नहीं हो रहा है।
2 अक्तूबर को इस्तांबुल स्थित सऊदी कांसूलेट में ख़ाशुक़जी की निर्मम हत्या के बाद, मोहम्मद बिन सलमान क्षेत्रीय देशों की अपनी पहली विदेश यात्रा कर रहे हैं, जहां उन्हें इन देशों की जनता के भारी विरोध का सामना है।
सऊदी प्रिंस मंगलवार को ट्यूनीशिया पहुंचने वाले हैं, जहां लोगों ने रास्तों में बड़े बड़े बैनर लगा रखे हैं, जिन पर लिखा है, यमन में हज़ारों मासूम बच्चों और महिलाओं के क़ातिल एवं ख़ाशुक़जी के हत्यारे मोहम्मद बिन सलमान का हम अपने देश में स्वागत नहीं करेंगे।
ग़ौरतलब है कि मोहम्मद बिन सलमान पर आरोप है कि उन्होंने ही ख़ाशुक़जी की हत्या का आदेश दिया था।
अमरीकी ख़ुफ़िया एजेंसी सीआईए का कहना है कि उसके पास सऊदी युवराज की उस काल की रिकॉर्डिंग मौजूद है, जिसमें वह वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार की आवाज़ हमेशा के लिए ख़ामोश करने की बात कर रहे हैं।
ट्यूनीशिया के सामाजिक कार्यकर्ता अशरफ़ ऑवदी ने अल-जज़ीरा से बात करते हुए कहा, ट्यूनीशियाई नागरिक होने के रूप में, मैं बिन सलमान की अपने देश की यात्रा का विरोध करता हूं।
उन्होंने कहा, ट्यूनीशिया मानवाधिकारों का सम्मान करता है, यमनी जनता के अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए और पत्रकारों को भी अपना काम करने की आज़ादी दी जानी चाहिए।