लखनऊ: 07 जनवरी; कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता एसआर दरि पुरी की रिहाई के बाद सत्तारूढ़ भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि झूठ को कभी नहीं जीता जा सकता है।
19 दिसंबर को राज्य में नागरिकता (संशोधन) कानून के विरोध में गिरफ्तार किए गए चौदह लोगों को मंगलवार को लखनऊ की एक अदालत के निर्देश पर रिहा कर दिया गया।
अंबेडकरवादी चिंतक और पूर्व आईपीएस श्री दारापुरी और कांग्रेस नेता सदफ जफ़र आज जेल से रिहा हो गए। कोर्ट द्वारा सबूत माँगने पर यूपी पुलिस बगलें झांकने लगी थी।
भाजपा सरकार ने निर्दोष लोगों और बाबासाहेब की विरासत को आगे बढ़ाने वाले लोगों को गिरफ्तार करके अपनी असली सोच दिखाई है..1/2 pic.twitter.com/HIdyYWaIKX
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) January 7, 2020
वाड्रा ने अपने ट्वीट में एसआर दारापुरी और कांग्रेस के पूर्व सदस्य और पूर्व शिक्षक सदफ जाफर सहित 14 लोगों की रिहाई के तुरंत बाद लिखा। यूपी पुलिस ने अदालत द्वारा मांगे गए सबूतों को देखना शुरू कर दिया। ”
प्रियंका ने लिखा, “भाजपा सरकार ने निर्दोष लोगों और बाबा साहब की विरासत को आगे बढ़ाने वालों को गिरफ्तार करके अपनी असली सोच दिखाई है। लेकिन झूठ कभी नहीं जीत सकता है”। एक अदालत ने एसआर दारी पुरी, कांग्रेस सदस्य सदफ जाफर सहित 14 लोगों को रिहा करने का आदेश दिया है।अदालत ने 50,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी।
UP police denied me a blanket in the cold when I asked and didn't give me food during the entire detention, 76-year-old S.R. Darapuri, a retired IPS, told The Hindu moments after being released from jail. https://t.co/94WPCdDAxI
— Omar Rashid (@omar7rashid) January 7, 2020
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि पिछले 19 दिसंबर को राज्य की राजधानी में विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी। विरोध के दौरान उपद्रवियों ने पथराव भी किया, जिसमें मीडिया सहित कई वाहन जल गए। पुलिस ने कार्रवाई के दौरान कई लोगों को गिरफ्तार किया।
Sadaf Jafar alleged that she was thrashed by male police officers, and was called a Pakistani
Report: @neelanshu512 https://t.co/9zWAt43FOJ— IndiaToday (@IndiaToday) January 7, 2020
उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान सबसे अधिक हिंसा हुई, जिसमें 23 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और 1,100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने संपत्ति को नुकसान के संबंध में वसूली नोटिस भी जारी किए हैं।
CAA protest: Sadaf Jafar, retired IPS officer S.R. Darapuri released from Lucknow jail after two weeks – The Hindu https://t.co/tLUObBdzmK
— nikhil wagle (@waglenikhil) January 7, 2020
प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठता है, वहीं प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ द्वारा लगाए गए आरोपों की भी व्यापक आलोचना हो रही है।