दुश्मन को अपने उद्देश्य मे आंशिक सफलता भी मिल गयी थी जब ईरान के वाणिज्य दूतावास और शहीद बाक़िर अल हकीम के मज़ार को उपद्रवियों ने आग लगा दी थी ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इराक के शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को आरजकत की आग में झोंके जाने से नाराज़ इराक की जनता सरकार और इराक पार्लियामेंट से आयतुल्लाह सीस्तानी के दिशा निर्देशों पर पालन करने की मांग करते हुए साम्राज्यवाद और अमेरिका के खिलाफ सड़कों पर उतर आई ।
इराक़ की राजधानी बग़दाद में हज़ारों इराक़ी नागरिकों ने सड़कों पर निकलकर देश के वरिष्ठ शिया धर्मगुरु आयतुल्लाह सीस्तानी का समर्थन किया, जिन्होंने पिछले हफ़्ते शांतिपूर्ण प्रदर्शनों से अपील की थी कि वे ख़ुद को उपद्रवियों से अलग कर लें।
आयतुल्लाह सीस्तानी के समर्थन में यह प्रदर्शन बग़दाद के प्रसिद्ध तहरीर चौक पर हुआ, जहां पिछले दो महीने से सरकार के विरुद्ध प्रदर्शनों का सिलसिला जारी था।
शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में शामिल लोगों ने आयतुल्लाह सीस्तानी के समर्थन में नारे लगाए और देश में अशांति व हिंसा फैलाने वालों से कहा कि वे उनकी शांतिपूर्ण रैली से दूरी बनाकर रखें।
May God Protect Buzurg Bradar Momin Sistani pic.twitter.com/EseM5thqV4
— Syed Ali Faraz (@DarkKnight_M27) November 28, 2019
शांतिपूर्ण रैली में शामिल लोगों ने अमरीका मुर्दाबाद और इस्राईल मुर्दाबाद के नारे लगाए और इराक़ के आतंकरिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए वाशिंगटन और रियाज़ की निंदा की।
आयतुल्लाह सीस्तानी ने अपने एक बयान में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों से कहा था कि वे सरकारी व निजी संपत्ति को नुक़सान नहीं पहुंचाएं और सुरक्षा बलों पर हमला नहीं करें। इसी तरह से उन्होंने सुरक्षा बलों से भी कहा था कि प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ बल का प्रयोग न किया जाए।
Good move: #Iraq's Sistani calls for selection of new prime minister without foreign interference. Asks Iraqis to go to protests, weed out saboteurs, respect the armed forces. https://t.co/n125cKRxl3
— Sharmine Narwani (@snarwani) December 6, 2019
इराक़ के वरिष्ठ शिया धर्मगुरु के सुझाव के बाद ही प्रधान मंत्री आदिल अब्दुल मेहदी ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।