लखनऊ: मनोरंजन के विभिन चैनलों पैर एक मुद्दत के बाद कुछ ऐसा देखने को नज़र आरहा है जिसने ताज़ी हवा का झोंका महसूस करा दिया है.
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के चंद घरेलू सीरियल पिछली २३ जून से ज़ी के एक नये चैनल जिंदिगी पर दिखाये जा रहे हैं. रात ८ बजाय के बाद से शुरू होने वाले इन चैनलों ने लखनऊ के हज़ारों परिवारों को अपने मैं जकड़ लिया है. अब तक सास बहु और दूसरे घरेलू सीरियल से मनोरंजित होने वाले लखनऊ वासियों का कहना है की जिंदिगी चैनल पर आने वाले पाकिस्तानी सीरियल न केवल कहानी के मज़बूत ताने बाने की बुनियाद पर तैयार किये गए हैं बल्कि साफ़ सुथरे दृश्य और बेहतरीन संवादों से सजे हुवे हैं .चैनल ने पाकिस्तानी नाटकों के शुरू, होने से पहले भारतीय शहरों को बड़े होरडिंगज़ से सजाया गया.
देश के मुस्लिम बहुल इलाक़ों मैं उर्दू भाषा के कारण विशेष प्रचार किया गया.
ज़िंदगी चैनल लखनऊ,हैदराबाद,पटना,भोपाल और मुंबई के अतिरिक्त दूसरे शहरों मैं पाकिस्तानी नाटकों की अपार सफलता से परफुल्लित है .इस पूरे प्रयास का श्रेय शैलजा केजरीवाल को जाता है.
लखनऊ मैं इन पाकिस्तानी नाटकों की धूम है जिंदिगी गुलज़ार है,औन ज़ारा, मात, काश मैं तेरी बेटी न होती, यह शादी नहीं हो सकती अन्य नाटक प्रसारित किए जा रहे हैं.
शैलजा केजरीवाल जब प्रसारक थीं उस समय से मनोरंजन पर आधारित कार्यक्रम उनके आकर्षण का केंद्र रहे हैं और नब्बे के दशक से पाकिस्तानी नाटकों में रुचि लेती रही हैं.
लखनऊ मैं भी ८ बजाय रात से परिवार वाले टीवी के सामने बैठना शुरू जोते हैं. उन मैं से कुछ का कहना है की दोनों देश के लोग बाधाओं के पीछे जीवन बिता रहे हैं . और उनसे पीछा छुड़ाने के इच्छुक हैं. हमारी सांस्कृतिक समानता समान जीवन जीने को असंभव बनाती है, खासकर वैश्वीकरण के दौर में इस तरह की बाधाओं बनाए रखना असंभव है. भारतीय दर्शकों पिछले 65 साल से किसी प्रकार पाकिस्तानी कार्यक्रम से वंचित हैं, हम दोनों पक्षों के मध्य टीवी चीनीलज़ केवल दर्दनाक समाचार नज़र आती हैं, तो कला के माध्यम से इस तरह की सरकार सीमा बंदीों से निकलना ही अच्छा तरीका है ‘.
अस्सी के दशक के दौरान पी टीवी नाटकों जैसे तनहाईाँ और धूप किनारे भारतीय नाटकों पर गहरे प्रभाव किए थे.
जिंदिगी चैनल के तहत पाकिस्तानी चीनीलज़ और उत्पादन हाउसज़ दो सौ नाटकों लिए गए हैं, यह नाटक प्रारंभिक अनुसंधान के बाद निर्धारित नियमों के अनुसार खरीदे गए, उधर यह हाल है कि पाकिस्तानी मीडिया पिछले दो वर्षों से तर्क और स्पैनिश नाटक प्रसारण में व्यस्त है.