पाकिस्तान के गृह मंत्रालय का कहना है कि औपचारिकता आरंभ कर दी गई है और अगले दो दिन के भीतर आतंकवादी गतिविधियों के दोषी पाए गए उन अपराधियों को फांसी देना शुरू कर दिया जाएगा जिनके ब्लैक वारंट जारी हो चुके हैं।
ज्ञात रहे कि राष्ट्रपति ममनून हुसैन 17 आतंकियों की रहम की अपील ख़ारिज कर चुके हैं जबकि इसी प्रकार की 103 अन्य अपीलों पर फ़ैसला होना शेष है।
क़ानून के अनुसार राष्ट्रपति जिस अपील को ख़ारिज कर देते हैं उसकी समरी गृह मंत्रालय को भिजवा दी जाती है, फिर गृह मंत्रालय यह समरी संबंधित प्रांत के गृह सचिव को भिजवा देता है जिसके बाद संबधित जेल के प्रशासन को फांसी के लिए निर्देश जारी कर दिए जाते हैं। इस निर्देश के अनुसार जेल प्रशासन संबंधित सत्र जज से ब्लैक वारंट जारी करने के लिए संपर्क करता है जो फांसी की तारीख़ का आदेशपत्र होता है।
स्थानीय वकील इलियास सिद्दीक़ी का कहना है कि सेशन जज तत्काल रूप से ब्लैक वारंट जारी करने के लिए बाध्य होता है। जेल प्रशासन ब्लैक वारंट की कापी मिलते ही अपराधी के घर वालों को 24 घंटे के भीतर अंतिम मुलाक़ात का अवसर देता है जिसके बाद निर्धारित समय पर दोषी को जेल से फांसी घाट ले जाया जाता है जहां उसे ज़िला प्रशासन, जेल प्रशासन और सरकारी डाक्टर की उपस्थिति में फांसी पर चढ़ा दिया जाता है।(http://hindi.irib.ir/)