अमरीकी विदेश मंत्री ने आतंकवादी गुट आईएस के ख़तरे और इराक़ तथा सीरिया में अमरीका के सैन्य अभियान की अहमियत को कम दर्शाने के लिए कहा है कि अमरीका का आईएस से कलह नहीं है। जॉन केरी ने गुरुवार को कहा कि आईएस से लड़ने में अमरीका की स्ट्रेटिजि में बहुत सी चीज़ें शामिल हैं जिसे प्रायः लड़ाई की पृष्ठिभूमि में नहीं देखा जाता। उन्होंने सी एन एन से विशेष इंटर्व्यू में कहा, “ हम आतंकवाद के ख़िलाफ़ बहुत ही अहम कार्यवाही कर रहे हैं। जो कुछ समय तक जारी रहेगी। यदि कोई यह सोचता है कि यह आईएस के ख़िलाफ़ लड़ाई है तो ऐसा सोच सकते हैं लेकिन हक़ीक़त में यह आतंकवाद विरोधी बड़ी कार्यवाही है जिसके कई गतिमान भाग हैं।”
सी बी एस से अलग इंटर्व्यू में जॉन केरी ने युद्ध शब्दावली के प्रयोग को रद्द करते हुए लोगों और मीडिया से अपील की कि वह अपने ऊपर जंग को सवार न करें। जॉन केरी ने कहा, “ मेरे विचार में युद्ध ग़लत शब्दावली है और हक़ीक़त में आतंकवादी गतिविधियों को क़ाबू में करने के लिए हम बहुत ही महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय अभियान में लगे हैं। और मेरे ख़्याल में लोगों को अपने ऊपर जंग को सवार नहीं करना चाहिए।
वरिष्ठ अमरीकी कूटनयिक जॉन केरी ने कहा कि ओबामा प्रशासन ने आईएस से लड़ने के लिए ऐसी स्ट्रेटिजी अपनायी है जो पिछले कुछ साल से अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, यमन और अन्य स्थानों पर अलक़ाएदा के विरुद्ध अपनायी गयी स्ट्रेटिजी से अलग नहीं है।
हालिया दिनों में अमरीका को आईएस से ख़तरे की गंभीरता के संबंध में इस देश के अधिकारियों की ओर से मिला-जुली प्रतिक्रिया आ रही है। अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बुधवार को कहा कि अमरीका सीरिया में आईएस आतंकवादियों के ख़िलाफ़ हवाई हमले और बमबारी की कार्यवाही को व्यापक करने के लिए तय्यार है।
वाइट हाउस, कांग्रेस से आईएस के ख़िलाफ़ कार्यवाही के लिए पचास करोड़ डॉलर का बजट पास करने की अपील की है।
दूसरी ओर एक राजनैतिक पर्यवेक्षक का कहना है कि आईएस अमरीका के लिए ख़तरा नहीं है क्योंकि वाशिंग्टन जब चाहे अपने सउदी और क़तरी घटक से इस आतंकवादी संगठन को फ़ंड रोकने के लिए कह सकता है।
केलीफ़ोर्निया के बेलफ़्लावर शहर के पूर्व मेयर आर्ट ओलिवियर ने गुरुवार को प्रेस टीवी से कहा,“ आईएसआईएल अमरीका के लिए ख़तरा नहीं है। यदि वे आईएसआईएल को ख़त्म करना चाहें तो उन्हें सउदी अरब और क़तर से सिर्फ़ फ़न्ड रोकने के लिए कहना होगा। और आईएसआईएल के लिए लड़ने वाले किराए के लड़ाकू अपने घर लौट जाएंगे। वे फ़्री में काम नहीं करेंगे।”
आईएस के आतंकवादी कि जिनमें से कुछ को सीआईए ने जॉर्डन में 2012 में प्रशिक्षित किया ताकि वे सीरियाई सरकार के ख़िलाफ़ लड़ें। इन आतंकवादियों ने सीरिया के उत्तरी भाग पर क़ब्ज़ा कर रखा है। इस आतंकवादी गुट ने अपने लड़ाकों को पड़ोसी देश इराक़ में जून में भेजा जिसने सीरिया की सीमा से मिले इराक़ के क्षेत्र को क़ब्ज़े में कर लिया है।
ज्ञात रहे इराक़ी सेना की आईएस के ख़िलाफ़ कार्यवाही जारी है और वह बहुत से क्षेत्रों से आईएस को पीछे खदेड़ने में कामयाब हुयी है।