पूर्व भाजपा सांसद एवं श्री राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ. राम विलास वेदांती ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि श्रीश्री रविशंकर का अयोध्या प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि श्रीश्री देश से साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ना चाहते हैं। वे पूर्व में हुए समझौते से अलग फॉर्मूला बना रहे हैं। वे पूरे मामले को दूसरी राह पर ले जा रहे हैं।
डॉ. राम विलास वेदांती गोरखनाथ मंदिर के होलिकोत्सव में शामिल होने के लिए पिछले तीन दिनों से प्रवास कर रहे थे। दिल्ली रवाना होने से पहले हिन्दुस्तान से बातचीत की। उन्होंने श्रीश्री रविशंकर द्वारा अयोध्या मामले के समाधान के प्रयासों को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि श्रीश्री और न ही उनकी संस्था का मंदिर आंदोलन से लेना-देना है।
उन्होंने कहा कि श्रीश्री व्यापारी हैं। आर्ट आफ लिविंग नाम का एनजीओ चलाते हैं। रामजन्म भूमि को भी वह एनजीओ समझते हैं। उन्हें अयोध्या में व्यापार करने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि श्रीश्री न किसी देवी-देवता को मानते हैं, न उनका कोई मठ या मंदिर है। जिस व्यक्ति की ईश्वर में आस्था ही नहीं, वह रामलला के प्रति क्या आस्था दिखाएगा?
संतों ने खड़ा किया आंदोलन: उनसे जब पूछा गया कि समझौते का श्रेय श्रीश्री रविशंकर को न मिल जाए, इसलिए तो विरोध नहीं डॉ. वेदांती का जवाब था, श्रीश्री किस बल और आशा पर बोल रहे उन्हें पता नहीं है। लेकिन रामजन्म भूमि मुक्ति आंदोलन में लाखों संतो एवं करोड़ों लोग जेल गए, हजारों बलिदान हुए। वे खुद 25 बार जेल और 35 बार नजरबंद किए गए।
उन्होंने कहा कि आंदोलन में ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ, ब्रह्मलीन महंत रामचंद्र परमहंस, महंत नृत्य गोपाल दास, अशोक सिंघल आदि महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। अयोध्या में विवादित स्थल पर मंदिर बनाए जाने का समर्थन करने वाले शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सैयद वसीम रिजवी के फॉर्मूले का समर्थन डॉ. वेदांती ने किया है। कांग्रेस के दो नेताओं को नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि एक ने तो सुप्रीम कोर्ट में भी अयोध्या विवाद की सुनवाई रोकने का प्रयास किया।