हिमांशु बाजपेई मुजतबा हुसैन साहब ने जब कहा कि मेरा खाका (शब्द-चित्र, जिसमें किसी के व्यक्तित्व का सूक्ष्मता से वर्णन होता है) तुम लिखो तो मैने सोचा कि इससे बड़ी सआदत (सौभाग्य) क्या होगी कि उ... Read more
हिमांशु बाजपेई मुजतबा हुसैन साहब ने जब कहा कि मेरा खाका (शब्द-चित्र, जिसमें किसी के व्यक्तित्व का सूक्ष्मता से वर्णन होता है) तुम लिखो तो मैने सोचा कि इससे बड़ी सआदत (सौभाग्य) क्या होगी कि उ... Read more
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