ग्वांगझू । चीन की यात्रा पर गए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ग्वांगझू में इंडिया-चाइना बिजनस फोरम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और चीन अपने पुराने रिश्ते को मजबूत बना सकते हैं और कई नए क्षेत्रों में हाथ से हाथ मिलाकर चल सकते हैं। चीन की आर्थिक उपलब्धियां हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं।
उन्होंने कहा कि भारत अपने उत्पादों के लिए चीन को एक बड़े बाजार के रूप में देखना चाहेगा। कई अहम आर्थिक सुधारों से भारत में व्यापार करना आसान हुआ है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हम भारत में आपके निवेश को मुनाफे वाला बनाने में मदद करेंगे। हमें निश्चित रुप से दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि से पैदा होने वाले अवसरों का लाभ उठाना चाहिए. इस बैठक में दोनों देशों के उद्योगपति तथा कारोबारी शामिल हुए। राष्ट्रपति ने कहा कि हम चीन के बाजार में भारतीय उत्पादों की अधिक पहुंच चाहते हैं जिससे द्विपक्षीय व्यापार में संतुलन लाया जा सके, जो अभी चीन के पक्ष में झुका हुआ है।
उन्होंने कहा कि यह विशेष रुप से उन क्षेत्रों में जरुरी है जहां दोनों देश स्वाभाविक तरीके से एक-दूसरे के पूरक हैं। इन क्षेत्रों में फार्मा, आईटी और आईटी संबद्ध सेवाएं और कृषि उत्पाद शामिल हैं। मुखर्जी ने इस बात पर संतोष जताया कि दोतरफा निवेश प्रवाह पर ध्यान बढाया जा रहा है।