ईरान की राष्ट्रीय हितों की संरक्षक परिषद तशख़ीसे मसलेहते नेज़ाम के प्रमुख ने सऊदी अरब के बादशाह के नाम संदेश में, इस देश के प्रसिद्ध शिया आलिमे दीन आयतुल्लाह शेख बाक़िर नम्र के लिए मौत की सजा के आदेश पर अमल रोके जाने की मांग की है।
अहलेबैत समाचार एजेंसी अबना की रिपोर्ट के अनुसार ईरान की राष्ट्रीय हितों की संरक्षक परिषद तशख़ीसे मसलेहते नेज़ाम के प्रमुख ने सऊदी अरब के राजा के नाम संदेश में, इस देश के प्रसिद्ध शिया आलिमे दीन आयतुल्लाह शेख बाक़िर नम्र के लिए मौत की सजा के आदेश पर अमल रोके जाने की मांग की है। रिपोर्ट के अनुसार आयतुल्लाह हाशमी रफसंजानी के सऊदी अरब के राजा मलिक अब्दुल्लाह के नाम संदेश में आया है कि इस युग में जब कि षड़यंत्रों ने इस्लामी देशों को निशाना बना रखा है, शेख नम्र बाक़िर नम्र की मौत के आदेश को निरस्त करने से दंगें प़साद कराने वालों को निराशा हाथ लगेगी और सज़ा का रद्द किया जाना इस्लामी दुनिया में शिया और सुन्नी के बीच एकता की मज़बूती का कारण बन सकता है.
ईरान की राष्ट्रीय हितों की संरक्षक परिषद तशख़ीसे मसलेहते नेज़ामद के प्रमुख आयतुल्लाह हाशमी रफसंजानी ने अपने संदेश में इस बात पर बल के साथ कि क्षेत्र और इस्लामी जगत की वर्तमान स्थिति अत्यंत संवेदनशील है और इस्लामी समुदायों में एकता व एकजुटता पर आधारित विचारधारा, मुसलमानों को इन संवेदनशील और कठिन परिस्थितियों से छुटकारा दिला सकते है।
आयतुल्लाह हाशमी रफसंजानी ने अपने संदेश में सऊदी अरब के राजा मलिक अब्दुल्लाह को संबोधित करते हुए, इस्लाम में सहिष्णुता के स्थान व महत्व और दिलों के करीब आने में मुहब्बत के प्रभावों की ओर इशारा करते हुए कहा कि दुनिया के मुसलमानों को सऊदी अरब के राजा से यह अपेक्षा है कि वह शिया आलिमे दीन आयतुल्लाह नम्र बाक़िर नम्र की मौत के आदेश पर अमल को लेकर समझदारी भरा फैसला करते हुए, इस आदेश को रुकवाने के लिए अपनी भूमिका अदा करेंगा।
ग़ौरतलब रहे कि शिया आलिमे दीन आयतुल्लाह बाक़िर नम्र को सऊदी अरब में मानवाधिकार के समर्थन में प्रदर्शन करने के आरोप में 2012 को गिरफ्तार किया गया था और 15 अक्टूबर 2014 को सऊदी अरब की एक अदालत ने मौत की सज़ा का आदेश सुनाया था और आदेश के साथ ही दुनिया भर में इस आदेश के खिलाफ़ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
http://www.abna.ir/hindi/service/iran/archive/2014/10/27/647208/story.html