लेबनान के हिज़्बुल्लाह आंदोलन के महासचिव सैयद हसन नस्रुल्लाह ने अमरीका और सीरियाई विद्रोहियों के इन आरोपों का का खंडन करते हुए कि सीरिया के रासायनिक हथियार , हिज़्बुल्लाह लेबनान के पास हैं, इस तरह के दावे को हास्यास्पद कहा है।
सैयद हसन नस्रुल्लाह ने सोमवार की शाम टीवी पर अपने भाषण में कहा कि लेबनान का हिज़्बुल्लाह आंदोलन , रासायनिक हथियारों के बारे में धार्मिक नियमों और शिक्षाओं पर प्रतिबद्ध है और सीरिया के रासायनिक शस्त्रों को हिज़्बुल्लाह के पास रखने का आरोप हास्यस्पद और निराधार है मानो रासायनिक शस्त्रों को इधर उधर ले जाना, दाल आटे को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाना है।
उन्होंने लेबनान के हिज़्बुल्लाह आंदोलन की वायरलैस सेवा की ओर इशारा करते हुए कहा कि लेबनान के हिज़्बुल्ला आंदोलन का वायरलेस सिस्टम अन्य लोगों की बातचीत सुनने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता।
उन्होंने सीरिया पर हमले के खतरनाक परिणामों की ओर इशारा करते हुए कहा कि सीरिया पर हमले से सबसे पहले प्रभावित होने वाला देश लेबनान होगा।
उन्होंने कहा कि सीरिया में तकफीरी गुटों की उपस्थिति , लेबनानी जनता , अन्य देशों और राष्ट्रों के लिए खतरे का कारण है और इस क्षेत्र के कुछ मित्र देशों ने दो साल पहले अंकारा को सीरिया में सशस्त्र आतंकवादियों की ओर से पैदा होने वाले खतरों के बारे में अवगत कर दिया था। उन्होंने सऊदी अरब और तुर्की की सरकारों को संबोधित करते हुए कहा कि वह सीरिया के बारे में अपने रुख पर पुनर्विचार करें।