रांची: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवर दास झारखंड के पहले गैर-आदिवासी मुख्यमंत्री बनेंगे। बिहार से अलग होने के 14 वर्षों के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है जब कोई गैर-आदिवासी मुख्यमंत्री बन रहा हो। बीजेपी ने अपने विधायक दल की बैठक में दास के नाम पर सहमति व्यक्त की थी।
रघुवर दास बीजेपी के वाइस-प्रेसिडेंट रह चुके हैं और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी आनंद बिहारी दुबे को जमशेदपुर (ईस्ट) सीट से 70,157 वोट से पराजित किया है। दास के पक्ष में सबसे बड़ी बात यह हुई कि राज्य के तीन बार मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ आदिवासी नेता अर्जुन मुंडा इस बार खरसावां सीट से हार गए हैं।
झारखंड में आदिवासियों की कुल संख्या 3.3 करोड़ है और यह राज्य की जनसंख्या का लगभग एक चौथाई है। 2000 में अलग राज्य बनने के बाद से यहां बनी 9 सरकारों में सभी 5 सीएम बाबूलाल मरंडी, अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन, मधु कोड़ा और हेमंत सोरेन आदिवासी समुदाय से रहे हैं।
81 सदस्यीय राज्य विधानसभा में बीजेपी के पास 37 विधायक हैं तो इसके सहयोगी ऑल झारखंड स्टूडेंट एसोसिएशन के पास 5 विधायक हैं। कांग्रेस पार्टी को 6 , झारखंड मुक्ति मोर्चा को 19 झारखंड विकास मोर्चा और अन्य को 8 तथा निर्दलियों के 6 सीटें मिली हैं।
रघुवर दास का जन्म 3 मई, 1955 को जमशेदपुर में हुआ। वे चौथी बार विधायक बने हैं। दास 30 दिसंबर 2009 से 29 मई 2010 तक डिप्टी सीएम रह चुके हैं। एनडीए की पूर्व सरकार में ये मंत्री रह चुके हैं। दास को अमित शाह का करीबी माना जाता है।
रघुवर दास पहली बार 1995 में भाजपा के टिकट पर जमशेदपुर (पूर्व) से चुनाव लड़े और जीत दर्ज करने में सफल रहे। वे टाटा स्टील में कर्मचारी रह चुके हैं।