पेशावर। सिडनी के लिंट कैफे में हुए आतंकी हमले के एक दिन बाद पाकिस्तान के पेशावर में एक आर्मी स्कूल पर आतंकी हमला हुआ है। अभी-अभी मिली खबर के अनुसार, एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा दिया है। खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री परवेज खटक से मिली जानकारी के मुताबिक, इस हमले में 84 बच्चों समेत 104 लोगों की मौत हुई है। हमले में बड़ी संख्या में बच्चे जख्मी हैं। स्कूल परिसर से 1000 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। बिहारी कालोनी के नजदीक स्थित इस स्कूल की इमारत में घुसे आतंकियों ने करीब 200 बच्चों को बंधक बना रखा है।
समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सुरक्षा बलों ने कैंट एरिया के नजदीक वार्सक रोड स्थित आर्मी स्कूल को घेर लिया है। स्कूल के आसपास की कई इमारतों को खाली करवाया गया है। जिस वक्त आतंकियों ने हमला किया, स्कूल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था। घायलों को लेडी रीडिंग हॉस्पिटल भेजा गया है। वार्सक रोड पर ट्रैफिक बंद किया गया है। स्कूल के बाहर चिंतित परिजनों की भीड़ जमा है। हालांकि, सुरक्षा बलों के अलावा किसी को भी इमारत के अंदर जाने की इजाजत नहीं है।
चश्मदीदों की मानें तो आतंकी काले कपड़े में हैं और वे सुसाइड जैकेट पहने हुए हैं। घटना के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी पाकिस्तानी सेना ने पूरे इलाके को खाली करा लिया और स्कूल को चारों ओर से घेर लिया है। ऑपरेशन में टैंक और हेलिकॉप्टर की भी मदद ली जा रही है। दो हेलिकॉप्टर के जरिए स्कूल के ऊपर से निगरानी की जा रही है। फिलहाल सेना के जवान स्कूल की इमारत में घुस गए हैं जहां दोनों ओर से फायरिंग चल रही है।मुठभेड़ में दो आतंकियों के मारे जाने की खबर है। इसके अलावा सेना ने बंधक बने 1500 बच्चों में से 1000 बच्चों को बचा लिया है।
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान स्कूल से बाहर आए एक छात्र ने बताया कि हमले के वक्त अधिकांश बच्चे ऑडिटोरियम में थे। स्कूल में परीक्षा भी चल रही थी। उसने बताया कि कैंटिन की ओर से पांच छह लोग आते दिखे। जब तक कोई कुछ समझ पाता, उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी।
आतंकी एक-एक कक्षा मेें गए और बच्चों को मारते चले गए। बच्चों ने बताया कि जैसे ही आतंकी घुसे शिक्षक ने हमें सिर नीचे करने को कहा। फिर सेना आई और हम भागे। बाहर निकले तो गलियारे में बच्चे और टीचर घायल पड़े थे।
तहरीक-ए-तालिबान ने ली जिम्मेदारी
आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तहरीक-ए-तालिबान के प्रवक्ता ने इसे उत्तरी वजीरिस्तान में सरकार की ओर से चलाए जा रहे ऑपरेशन का बदला बताया है।हालांकि प्रवक्ता ने यह भी कहा कि वे बच्चों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। स्थानीय समाचार चैनलों के अनुसार, आतंकियों को उनके आकाओं के निर्देश हैं कि बड़े बच्चों को मार दिया जाए।