ईरानी राष्ट्रपति डा. हसन रूहानी ने कहा है कि इस्लामी गणतंत्र ईरान ने विश्व के लिए ख़तरा नहीं है और तेहरान अपने परमाणु कार्यक्रम में पूर्ण पारदर्शिता हेतु वार्ता के लिए तैयार है।
मंगलवार को राष्ट्र संघ की महासभा के अधिवेशन को संबोधित करते हुए रूहानी ने कहा कि ईरान हमेशा परस्पर सहयोग व सम्मान के आधार पर समस्त राष्ट्रों से बातचीत के लिए तैयार रहा है।
ईरानी राष्ट्रपति ने अपने अमरीकी समकक्ष बराक ओबामा से मांग की कि अगर वे तेहरान के साथ मतभेदों को दूर करना चाहते हैं तो लघु अवधि में हितों को साधने वाले युद्धोन्मादी गुटों के दबाव में न आएं।
ईरान के राष्ट्रपति ने महसभा को संबोधित करते हुए कहा कि निश्चित रूप से ईरान विश्व के लिए ख़तरा नहीं है बल्कि संकट ग्रस्त क्षेत्र में शांति स्थापना के लिए यह अग्रदूत है।
उन्होंने आगे कहा कि ईरान की रक्षा नीतियों एवं सिद्धांतों में परमाणु एवं सामूहिक विनाश के हथियारों के लिए कोई स्थान नहीं है, और यह हमारे धार्मिक एवं नैतिक सिद्धांतों के विपरीत है।
राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि यह धारणा पूर्ण रूप से वास्तविकता के विपरीत है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम की शांतिपूर्ण प्रवृत्ति को ग़ैर क़ानूनी दबावों के माध्यम से सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि परमाणु मुद्दे के समाधान का एकमात्रा मार्ग यह है कि विश्व समुदाय ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु अधिकारों का सम्मान करे।
डाक्टर हसन रूहानी ने अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों के संबंध में सामरिक मार्ग अपनाए जाने की आलोचना की और कहा कि कुछ शक्तियों की सैन्यवादी नीतियां तथा पश्चिमी मान्यताओं को सर्वत्र फैलाने का प्रयास विश्व शांति के लिए गंभीर ख़तरा है।
राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि सीरिया संकट का सैनिक समाधान नहीं हो सकता बल्कि शक्ति के प्रयोग से यह संकट और भी बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि मध्यपूर्व के क्षेत्र के लिए सबसे बड़ ख़तरा रासायनिक हथियारों का ख़तरा है जो चरमपंथी तथा आतंकवादी संगठनों के हाथों में पहुंच रहे हैं।