लंदन. केन्या के नैरोबी में शॉपिंग मॉल पर हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी भले ही सोमालियाई संगठन अल शबाब ने ली है, लेकिन इस हमले की साजिश रचने और उसे अंजाम देने का काम एक आयरिश महिला ने किया है। चश्मदीदों के मुताबिक, एक महिला आतंकी दस्ते को लीड कर रही थी। वह बुर्का पहने हुए थी और हमलावरों को अरबी भाषा में आदेश दे रही थी।
आयरिश मूल की यह ‘व्हाइट विडो’ अफ्रीकी महाद्वीप समेत पूरी दुनिया में दहशत का दूसरा नाम बनती जा रही है। केन्या के सुरक्षा अधिकारियों की मानें तो यह महिला कोई और नहीं बल्कि सामन्था लुथवेट है। मुस्लिम धर्म अपनाने के बाद अलकायदा में शामिल होने वाली सामन्था लुथवेट न केवल ब्रिटेन, अमेरिका समेत अन्य यूरोपीय देशों में इस्लाम को मानने वाले युवाओं को आतंकी बना रही है बल्कि गैर इस्लामिक लोगों को भी दहशतगर्दी के इस खेल में शामिल कर रही है। पाकिस्तान के आतंकियों के साथ भी इस ब्रिटिश महिला के करीबी रिश्ते हैं। 2005 में लंदन को दहलाने वाले 7/7 धमाकों से भी इस खूंखार महिला का कनेक्शन है।
आयरिश अखबार द इंडीपेंडेंट के मुताबिक, सामन्था के पति ने 7 जुलाई 2005 को लंदन की ट्रेन में खुद को उड़ा लिया था। इस हमले में सामन्था के पति समेत कुल 26 लोग मारे गये थे। यह पहला मौका था जब पुलिस का सामन्था से सामना हुआ, लेकिन उस वक्त सामन्था ने हमले के बारे में कोई भी जानकारी से इंकार कर दिया और उसके मासूम चेहरे ने भी उसका साथ दिया। हालांकि, पुलिस ने उसे सर्विलांस पर रखा, लेकिन कुछ हफ्तों में ही वह खुफिया एजेंसियों के रडार से भाग निकली और कई सालों बाद उसके बारे में जानकारी मिली तब तक वह ‘व्हाइट विडो’ बन चुकी है।
‘व्हाइट विडो’ यानी ऐसी विधवा महिला जो अपने पति का बदला या उसका अधूरा काम पूरा करने की कसम खाती है। कुछ साल पहले रूस में भी ब्लैक विडो के एक दस्ते ने मास्को मेट्रो में धमाके कर दुनिया को हिला दिया था, लेकिन ये ‘व्हाइट विडो’ सामन्था लुथवेट उन ब्लैक विडो से बेहद खतरनाक और शातिर है, तभी तो वह अलकायदा की फाइनेंसर, रिक्रूटर और ट्रेनर है।
महज 29 साल की उम्र में सामन्था अलकायदा के अफ्रीका मॉड्यूल की अहम कड़ी बन गई है। विशेषतौर पर पूर्वी अफ्रीका में तो आतंक की दुनिया का हर रास्ता उसके पास होकर गुजरता है। सामन्था के इरादे कितने खतरनाक हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि केन्या के मॉल पर हुए हमले में 5 अमेरिकी, 2 ब्रिटिश नागरिक भी शामिल थे। अलकायदा के बेहद करीबी संगठन अलशबाब के लिये इस हमले को अंजाम देने में सामन्था ने किसी गरीब या पिछड़े देशों के आतंकियों को नहीं लगाया। सूत्रों की मानें तो सामन्था ने पश्चिमी देशों में अच्छा खासा नेटवर्क खड़ा कर दिया है।
केन्या के मॉल पर हमले के पीछे अल शबाब के सुरक्षा और प्रशिक्षण मामलों के सरगना के तौर पर पाकिस्तानी मूल के आतंकी का भी नाम सामने आ रहा है। पाकिस्तानी नागरिक अबू मूसा मोम्बासा को अल शबाब का सुरक्षा एवं प्रशिक्षण प्रमुख बताया जाता है। मोम्बासा और सामन्था के बीच भी रिश्ते बताए जाते हैं।