अहलेबैत समाचार एजेंसी अबना की रिपोर्ट के अनुसार बुधवार 2 जुलाई को इराक़ी फ़ौज ने विवादस्पद मौलाना महमूद अस्सर्ख़ी के समर्थकों से संघर्ष के बाद कर्बला में मार्शल ला लगा दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार महमूद अस्सर्ख़ी के समर्थकों ने सशस्त्र कार्यवाही शुरू कर दी। अस्सर्ख़ी ख़ुद को इराक़ का मरजए तक़लीद मानता है और उसका दावा है कि इमाम महदी अ. से उसके सम्पर्क हैं। ज्ञात रहे अस्सर्ख़ी सद्दाम को फांसी दिए जाने और बास पार्टी के भंग किए जाने के बाद भूमिगत हो गया था और अब वह फिर से सामने आ गया है। रिपोर्टों के अनुसार मंगलवार की रात से कर्बला में उनके समर्थकों और इराक़ी पुलिस के बीच झड़प जारी है।
इराक के मराजअ कराम से उसके संबंध अच्छे नहीं है और 2002 में उसने खुद को मुज्तहिद घोषित किया था और इस समय उसके हज़ारों समर्थक इराक़ी सेना व सुरक्षा बलों से लड़ रहे हैं। महमूद अलहसनी अस्सर्ख़ी 1964 में काज़मैन में पैदा हुआ। अस्सुर्ख़ी ने 1987 में बग़दाद इंजीनियरिंग कालेज से पढ़ाई पूरी की और 1994 में धार्मिक शिक्षा के लिए मदरसे में दाख़िला लिया।
2005 में महमूद अस्सर्ख़ी अचानक हिल्ला शहर में सामने आया और थोड़े ही समय में उन्होंने इराक़ के कई शहरों में अपने कार्यालय खोल लिए और फिर खुद को मरजा घोषित करते हुए अतिग्रहणकारी अमरीकी सेना के ख़िलाफ़ नीति अपनाई। उसके समर्थकों ने कुछ दिनों के बाद कर्बला में कई अमरीकी सैनिकों पर हमला किया और तीन अमरीकी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया।
इसके बाद अस्सर्ख़ी ने हज़रत इमाम महदी से मुलाक़ात का दावा किया कि जिस पर उल्मा व मराजे की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई। इसके बाद अस्सर्ख़ी के अतीत की समीक्षा की गई तो यह बात सामने आई कि वह बअस पार्टी के सुरक्षा तंत्र के सदस्य था। कुछ समय बाद अमरीकी सेना ने उन्हें पकड़ने का आदेश जारी किया तो वह तुरंत भूमिगत हो गया। उस समय उसके लेबनान फ़रार हो जाने के समाचार मिले थे।