भारत सरकार ने आईएसआईएल द्वारा इराक़ के मूसल सिटी से लापता 40 भारतीयों में से 39 के मारे जाने से संबंधित समाचारो का खंडन किया है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि संसद में यह न कहें कि भारतीय नागरिक मार दिए गए हैं बल्कि किन समाचारों के आधार पर यह बात कही जा रही है उनका उल्लेख करें। संसद के उच्च सदन राज्यसभा में विपक्ष द्वारा उठाये गये इस मुद्दे पर बोलते हुए भारतीय विदेशमंत्री ने कहा कि मैं नोटिस के बाद यहां पहुंची हूं। मैं यहां जवाब देने के लिए आयी हूं। सबसे पहले मैं यह बता दूं कि यह रिपोर्ट पहली बार नहीं छपी। इससे पहले भी कई बार ऐसे समाचार प्राप्त हो चुके हैं।
उनका कहना था कि सब ही एक सूत्र हरजीत के हवाले से समाचार दे रहे हैं, वह बता चुका है कि सब मारे जा चुके हैं जिसकी बात में विरोधाभास है। मैं पांच बार परिवार वालों से मिल चुकी हैं। मैं आपको बता दूं कि हरजीत मसीह पूरी तरह सुरक्षित है और सरकार के संपर्क में है।
सुषमा स्वराज का कहना था कि लापता लोगों से सीधा संपर्क नहीं है। क्या हम हरजीत की बात मानकर उनकी तलाश छोड़ दें। यदि उनके एक प्रतिशत भी बचने की संभावना है तो सरकार उन्हें वापस लाने का प्रयास जारी रखेगी। यदि हम यह कहें कि सरकार उन्हें बचाने के लिए जमीन आसमान एक किये हुए हैं तो गलत नहीं है।
ज्ञात रहे कि 11 जून को आईएसआईएल के आतंकियों ने 40 भारतीय को अगवा कर लिया था। भारत के एक स्थानीय टीवी चैनल ने अपनी रिपोर्ट में दो बांग्लादेशी नागरिकों से बातचीत की है जिन्होंने बताया कि आईएसआईएल के आतंकियों ने सभी भारतीयों को गोलियों से भून दिया। उन्होंने कहा कि एक भारतीय, दो गोली लगने के बावजूद जीवित था लेकिन वह अभी कहां है इसका पता नहीं।)