उत्तर प्रदेश में सहायक शिक्षकों की नियुक्ति में धांधली को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। उच्च न्यायालय में यह याचिका इस मामले में CBI जांच पर रोक लगाने के लिए लगाई गई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने पिछले साल सीबीआई जांच के आदेश दिए थे ।
लेकिन यूपी सरकार की अपील पर उच्च न्यायालय की डिविजन बेंच ने इस साल फरवरी में सीबीआई जांच पर रोक लगाई थी । असफल हुए अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके सीबीआई जांच के आदेश को बरकरार रखने की मांग की थी।
विदित हो कि यूपी सरकार ने 1 दिसंबर 2018 को यूपी में 69 हजार सहायक शिक्षकों के लिए भर्ती प्रकिया की शुरुआत की, जिसके बाद 6 जनवरी 2019 को लिखित परीक्षा आयोजि हुई । परीक्षा होने के बाद 7 जनवरी को सरकार ने अनारक्षित वर्ग के लिए 65 और OBC के लिए 60 प्रतिशत क्वालिफाइंग मार्क्स तय कर दिए । सरकार के इस निर्णय को याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में चुनौती दे दी ।
याचिका में कहा गया था कि लिखित परीक्षा होने के बाद क्वालिफाइंग मार्क्स तय करना गैर कानूनन है। इस पर सरकार का कहना था कि कट ऑफ बढ़ाने के पीछे क्वालिटी एजुकेशन देने की मंशा है ।