यूसीसी के मामले में संभल के समाजवादी पार्टी के एमपी बर्क ने कहा कि सरकार को इसके लिए मौलानाओं और मुफ्तियों से बात करनी चाहिए. मुसलमान सरकार के फैसले को स्वीकार नहीं करेंगे. विद्वानों और मुफ़्तियों का निर्णय स्वीकार किया जाएगा।
समान नागरिक संहिता पर सियासत गर्म, विपक्ष और सरकार में बयानबाजी तेज
संभल: उत्तर प्रदेश की संभल लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर रहमान बराक ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है. पीएम नरेंद्र मोदी के बयान के बाद इस मुद्दे पर तीखी राजनीति के बीच बर्क ने साफ कर दिया है कि मुस्लिम यूसीसी पर बीजेपी सरकार के फैसले को स्वीकार नहीं करेंगे.
Opposition parties used to talk about equal rights, constitution at the time of CAA.
But now, Samajwadi Party MP Shafiqur Rahman Barq is saying –
“We are against UCC”
“We will accept the decision taken by Ulema”
"code cannot be one"Why they hate peace of India so much? pic.twitter.com/cZEOiOVzgb
— Dr.B.L.Sreenivas Solanky (@SolankySrinivas) June 30, 2023
यूसीसी मुद्दे पर विपक्षी दलों के आक्रामक रुख के बीच एसपीएमपी बर्क ने कहा कि सरकार को इसके लिए मौलानाओं और मुफ्तियों से बात करनी चाहिए. मुसलमान सरकार के फैसले को स्वीकार नहीं करेंगे. विद्वानों और मुफ़्तियों का निर्णय स्वीकार किया जाएगा। इसके लिए सरकार को पहले उनसे बात करनी चाहिए. इसके बाद वे जो भी निर्णय लेंगे वह स्वीकार होगा.
एसपीएमपी ने कहा, ‘यह धर्म से जुड़ा मामला है. इस्लाम में मौलाना और मुफ़्ती मौजूद हैं. वे जो भी निर्णय लेंगे हम उसे स्वीकार करेंगे. सरकार जो भी फैसला ले रही है हम उसके खिलाफ हैं. हम यूसीसी के खिलाफ हैं. क्योंकि मौलाना और मुफ्ती ने शरीयत और इस्लाम की भावना से यह फतवा दिया है कि कोई नियमन नहीं हो सकता.
दरअसल, मध्य प्रदेश के भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने यूसीसी को लेकर बयान दिया. उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दल समान नागरिक संहिता के नाम पर मुसलमानों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. माना जा रहा है कि आगामी मानसून सत्र में सरकार समान नागरिक संहिता विधेयक को संसद में पेश करने की तैयारी कर रही है. इसके बाद विधेयक को संसदीय समिति के पास भेजा जा सकता है।
इस पर सांसदों की राय जानने के लिए 3 जुलाई को संसदीय स्थायी समिति की बैठक भी बुलाई गई है.