बुज़ुर्ग शिया आलिमे दीन मौलाना सैयद मोहम्मद तक़ी रिज़वी का सुबह इंतेक़ाल हो गया। बाद नमाज़ ज़ोहर करबला तालकटोरा में उनको सबर्दे ए ख़ाक किया गया।
मौलाना ताक़ि का इंतेखाल शिया क़ौम का एक बड़ा नुक़सान माना जा रहा है। वह शिया समुदाय के प्रमुख धर्मगुरु रहे मौलाना बाक़िर उल उलूम के परिवार से सम्बंध रखते थे। 2005 में वह आल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष बने। दीनी ख़िदमत के अलवा मरहुम ने समाजी ख़िदमते भी बा फ़ज़्ले करम बेहतर तरीके से अंजाम दी हैं।
वह शिया जामा मस्जिद के पेश नमाज़ भी थे और हुसैनाबाद इंटर कॉलेज में अध्यापक भी रहे थे। इसके अलावा मौलाना मरहूम शिया डिग्री कॉलेज की प्रबंधन कमेटी के वरिष्ठ सदस्य भी थे।
उनके इंतेखाल की ख़बर मिलते ही उनके सम्बन्धियों के साथ बड़ी संख्या में धर्मगुरु उनके घर पहुँचने लगे। उनके घर पहुँचने वालों में मौलाना ज़हीर अहमद इफ़्तिख़ारी, मौलाना जाफ़र अब्बास, मौलाना मीसम ज़ैदी, मौलाना सैफ़ अब्बास, मौलाना यासूब अब्बास आदि में शामिल थे।
मौलना तक़ी रिज़वी की नमाज़ ए जनाज़ा मौलाना कल्बे जव्वाद नक़्वी ने पढ़ाई | जिसमें मौलाना मोहम्मद मुस्लिम ,मौलाना रेज़ा अब्बास, मौलाना मोहम्मद रेज़ा अब्बास, मौलाना मूसा रिज़वी और मौलाना मुर्तुजा नसिर सईद के अलावा बड़ी तदात में अइज़्जा व क़ुरब ज्वार से बड़ी तादाद में लोग मौजूद । बड़ी तदात में ज़ाकिरीन भी करबला तलकटोरा उन्हें सुपुर्द ए ख़ाक करने पहुंचे थे जिसमें मौलाना अली मुततकी ज़ैदी, मौलाना मीसम ज़ैदी, मौलाना अब्बास इरशाद, मौलाना अम्मार क़ाज़ीम,मौलाना सकलैन आबदी, और अलीम ए दीन मुस्तफ़ा अली खान मौजूद थे।
नमाज़ के बाद एक मजलिस अब्बास नासिर सईद ने ख़िताब किया। मौलाना ने हज़रत अली अस के मसायब बयान किये । मजलिस के बाद अंजुमन अब्बासिया ने नौहखवानी व सीना जानी की । मौलाना सैयद मोहम्मद तक़ी रिज़वी अपने पीछे 05 बेटियाँ छोड गए हैं। मौलाना के तीजे की मजलिस जमेरात 16 मई को सुबह 09 बजे उनके मकान कटरा अबूतुराब ख़ा में होगी। ज़नानी मजलिस इसी रोज़ शाम 4 बजे मरहूम के घर पे बरपा होगी |