लखनऊ 02 फरवरी 2018 । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रदेश अध्यक्ष रमेश दीक्षित ने नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा सदन में प्रस्तुत किये गए आम बजट को महज एक कागज का पुलिंदा बताया । पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार के आम बजट में सबसे बड़ी आबादी वाले सूबे उत्तर प्रदेश के लिए कुछ भी नहीं है बल्कि आम बजट ने ठेंगा दिखाया यूपी को ।
राकापा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रमेश दीक्षित ने कहा कि पेश बजट गांवो, गरीबों, किसानों, नौजवानों, वंचितों, पिछड़ों , माध्यम वर्ग और आम लोगों निराश किया है ।
डॉ. रमेश दीक्षित ने जारी एक बयान में कहा कि जेटली को शाबाशी देने वाले मुख्यमंत्री योगी देश की सबसे बड़ी आबादी वाले प्रदेश के नाम केवल आठ मेडिकल कालेज ही लिखवा पाए। श्री दीक्षित ने कहा कि
प्रदेश में जमीन पाने के बाद भी एम्स के लिए पैसा न देने वाली केंद्र सरकार से मेडिकल कालेज खोलने की उम्मीद करना बेमानी है । उन्होंने कहा कि बंद कपड़ा मिलों, बेहाल उद्योग के लिए कुछ नहीं केंद्रीय बजट में उत्तर प्रदेश को कुछ भी नहीं मिला है । श्री दीक्षित ने कहा कि बजाये इसके कि स्वास्थ सेवाओं को मजबूत किया जाए , केंद्र सरकार चोर दरवाजे से स्वास्थ सेवाओं को निजी हाथो में सौंप रही है , यूपी मे बीपीएल कार्ड नहीं बन रहे जांच में 40 % कार्ड फर्जी मिले हैं। ऐसे मे कैसे मिलेगा स्वास्थ्य बीमा का लाभ ।
डॉ. रमेश दीक्षित ने मांग कि उनकी पार्टी चाहती है कि पहले यूपी के सभी गरीब परिवार को बीपीएल कार्ड दे सरकार । लागत का डेढ़ गुन फसल का दाम फर्जी ऐलान है सरकार का । वित्त मंत्री कहते हैं कि रबी की इस बार की फसल में दे रहे डेढ़ गुना दाम पर हकीक़त में कहां है डेढ़ गुना दाम जब किसान को 18 ₹ गेहूं का दाम भी नहीं दिया सरकार ने । डॉ. रमेश दीक्षित ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा बेरोजगार और लघु उद्योग यूपी में, पर बजट उस पर कुछ नहीं बोलता है , उत्तर प्रदेश ठगा सा महसूस कर रहा है । देश के मध्यम वर्ग को आयकर सीमा बढ़ाये जाने की भारी उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
उन्होंने कहा है कि ग्रामीणों ,किसानों, मजदूरों के लिए की गयी घोषणाएं भ्रमित करने वाली हैं। पूर्व में किये गये वादे जिसमें किसानों की लागत मूल्य का दो गुना मूल्य दिया जाना अब तक छलावा साबित हुआ है। इस बार फिर किसानों, मजदूरों, गरीबों को लुभावने सपने दिखाकर आने वाले चुनाव में लाभ लेने का प्रयास किया गया है जबकि इस बजट में घोषित योजनाएं पूर्व से ही चल रही हैं लेकिन अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पायी हैं चाहे वह फसल बीमा योजना हो, स्वास्थ्य बीमा योजना हो, प्रधानमंत्री आवास हो, ग्रामीण विद्युतीकरण हो, मनरेगा हो इन सभी योजनाओं को क्रियान्वित करने में सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है। हर वर्ष 2 करोड़ युवाओं को रोजगार दिये जाने का वादा सिर्फ हवाहवाई साबित हुआ है।