श्री शूमान ने कहा कि यह फ़ैसला सभी मुस्लिम देशों को लेना चाहिए। उन्होंने जनता से अपील की है कि इस धोखे में न आएं कि ट्रम्प के फ़ैसले पर अभी अमल नहीं होगा क्योंकि यह यह बयान केवल इसलिए है कि जनता का ग़ुस्सा ठंडा हो जाए।
अलअज़हर विश्वविद्यालय के वकील और प्रोफ़ेसर डाक्टर अब्बास शूमान ने मस्जिदुल अज़हर में जुमे की नमाज़ के ख़ुत्बे में बल दिया था कि बैतुल मुक़द्दस ट्रम्प की व्यक्तिगत जागीर नहीं है जो उन्होंने ज़ायोनियों को दे दिया।
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