समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा चुनावों के लिए जया बच्चन को फिर से उम्मीदवार बनाया है। सपा सांसद जया बच्चन, नरेश अग्रवाल, किरणमय नंदा, चौधरी मुनव्वर सलीम, आलोक तिवारी और दर्शन सिंह यादव का कार्यकाल अगले माह राज्यसभा से खत्म हो रहा है।
बता दें कि आगामी 23 मार्च को राज्यसभा की 10 सीटों पर चुनाव होने वाले हैं. वर्तमान में समाजवादी पार्टी के पास 403 में से 47 विधायक हैं, लेकिन राज्यसभा सीट पर जीत दर्ज करने के लिए 38 विधायक का समर्थन मिलना जरूरी होता है. ऐसे में जया बच्चन की जीत लगभग तय ही मानी जा रही है. अगर इस बार जय बच्चन जीतती हैं तो यह दूसरा मौका होगा जब वह राज्यसभा में सपा का प्रतिनिधित्व करेंगी.
#JayaBachchan was consistently loyal to the Samajwadi Party, its system and hierarchy. She has proved to be better a politician than Naresh Agrawal: Rajya Sabha MP Amar Singh pic.twitter.com/FpuWH4ySZO
— ANI (@ANI) March 7, 2018
उत्तर प्रदेश विधानसभा में सपा की जो स्थिति है उसमें वह एक ही उम्मीदवार को राज्यसभा भेज सकती है। पार्टी इस बात को लेकर असमंजस में थी कि किसे दोबारा उच्च सदन भेजा जाये। आखिरकार जया बच्चन के नाम पर पार्टी ने मुहर लगा दी। पार्टी के इस फैसले से नरेश अग्रवाल नाराज बताये जा रहे हैं।
सपा ने अपने पास बचे 10 अतिरिक्त वोट बसपा प्रत्याशी को देने का वादा कर दिया है। बसपा ने पूर्व विधायक भीमराव अंबेडकर को अपना उम्मीदवार बनाया है।
सपा और बसपा का प्रयास है कि कांग्रेस के भी मत लेकर अपना एक संयुक्त उम्मीदवार जिता लिया जाये लेकिन भाजपा भी अपना 9वां उम्मीदवार उतारने का मन बना रही है और अगर ऐसा होता है तो उत्तर प्रदेश में एक और राजनीतिक भिड़ंत देखने को मिलेगी। भाजपा का प्रयास रहेगा कि जनता में यह संदेश जाये कि सपा और बसपा मिलकर भी कुछ नहीं कर सकते।