जीएसटी को लेकर हुए नए एलानों में सबसे अहम बात यह है कि छोटे उद्योगों को राहत मिली है.
जिन छोटे उद्योगों का बिज़नेस टर्नओवर कम होता था, उन्हें महीने में तीन-तीन बार यानी साल 36-37 बार रिटर्न फाइल करना पड़ता था, जो बड़ा मुश्किल काम था. ऊपर से जीएसटी का सिस्टम भी उतना लोड नहीं ले पाता था.
अब जिन व्यापारियों का टर्नओवर डेढ़ करोड़ तक है, उन्हें हर महीने रिटर्न फाइल करने से राहत मिली है. अब उन्हें तीन महीनों में एक बार रिटर्न फाइल करना होगा.
अब टैक्स देने वाले तकरीबन 90 फ़ीसदी रजिस्टर्ड उद्योग इस श्रेणी में आ गए हैं. बाकी के 10 फ़ीसदी का सालाना टर्नओवर डेढ़ करोड़ से ज़्यादा है. तो यह छोटे उद्योगों के लिए राहत भरा तो है ही, साथ में जीएसटी के सिस्टम पर लोड भी कम होगा.