केन्द्र के साथ विवाद का एक और मुद्दा उठाते हुए ‘आप’ सरकार ने दिल्ली को पूर्ण राज्य के दर्जे पर आज एक मसौदा विधेयक जारी किया जिसमें पुलिस, जमीन तथा नौकरशाही को प्रदेश सरकार के तहत लाने का प्रावधान है। इस पर 30 जून तक आमजन के सुझाव मांगे गए हैं। मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने विरोधी भाजपा और कांग्रेस से ‘‘मतभेदों से ऊपर उठने’’ का आह्वान किया और भाजपा के पुराने चुनाव घोषणापत्रों को उद्धृत किया जिसमें पार्टी ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का वादा किया था।
केजरीवाल ने कहा कि इस मुद्दे पर एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की जाएगी। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भाजपा ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के मुद्दे पर सबसे ज्यादा संघर्ष किया है। उन्होंने लगातार इसे उठाया है। इस मसौदा पर आमजन के विचार मांग कर हम उनके संकल्प को बस आगे बढ़ा रहे हैं।’’ केजरीवाल ने यह बात तब कही जब उनसे पूछा गया कि अगर केन्द्र की मोदी सरकार इस मसौदा को खारिज कर देती है तो ‘आप’ की कार्ययोजना क्या होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह मसौदा विधेयक पर समर्थन जुटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखेंगे और उनसे मुलाकात भी करेंगे। केजरीवाल ने कहा कि 30 जून के बाद मसौदे को अंतिम रूप तैयार किया जाएगा और इस संबंध में दिल्ली विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रस्ताव केन्द्र को भेजेंगे जिसे संवैधानिक संशोधन लाना होगा।’’
केजरीवाल ने कहा, ‘‘मसौदा दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर डाला जाएगा। इसे पारित करा कर हम कांग्रेस और भाजपा के सपनों को पूरा करना चाहेंगे। हमें दलगत राजनीति से ऊपर उठना होगा। प्रस्ताव पारित कराने के लिए विधानसभा का एक विशेष सत्र भी बुलाया जा सकता है।’’ संवाददाता सम्मेलन में केजरीवाल के साथ उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया भी मौजूद थे। केजरीवाल ने अपने बिंदुओं पर जोर डालने के लिए 1993 से ले कर 2014 तक के भाजपा के चुनाव घोषणापत्रों से उद्धरण पेश किए। उन्होंने इस संबंध में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू समेत भाजपा नेताओं के बयान भी उद्धृत किए। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘लालकृष्ण आडवाणी ने 2003 में संसद में दिल्ली राज्य विधेयक पेश किया था। इसे प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाली स्थाई समिति को भेजा गया था जिसने इस विचार का समर्थन किया था। लेकिन किसी कारणवश यह पारित नहीं हो पाया। कांग्रेस नेताओं ने भी अतीत में पूर्ण राज्य के पक्ष में कहा है।’’
केजरीवाल ने कहा, ‘‘किरन रिजिजू ने राज्य के पक्ष में 2006 में कहा था। वीके मल्होत्रा ने 2011 में यह मुद्दा उठाया था। 2013 में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणियों में भाजपा ने इस संबंध में अपना संकल्प दोहराया था। 25 मई 2014 को डॉ. हर्षवर्धन ने कहा था कि नए प्रधानमंत्री के समक्ष वह जो पहला मुद्दा उठाएंगे वह राज्य का दर्जा होगा।’’