आज के दौर में जब बैठकबाजी का सिलसिला बहुत कम हो गया है तो हमने सोचा लखनऊ के 60 और 70 के दशक के बहु चर्चित राजनैतिक अड्डे की चर्चा की जाय।
पार्क रोड कालोनी में कांग्रेस के नेता जो अलीगढ़ से पहली विधान सभा में चुने गए और कई बार विधायक रहे पंडित नेक राम शर्मा का घर दो दशकों तक एक ऐसा अड्डा रहा जहां बड़े राजनेता, पत्रकार संपादक और प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी के बड़े अफसर नियमित बैठकबाजी करते रहे।
पंडित नेकराम शर्मा की हनक धनक राजनैतिक हलके में बहुत थी और उनके घर के दरवाजे हमेशा खुला रहते थे और रसोई भी।
पंडित नेकराम शर्मा की मेहमान नवाजी और खुले दिल का यह असर था की जो भी उनके घर गया अपने बहुत सहज पाता था। चाय, काफी पकौड़ी या जो भी चाहिए सब उपलब्ध रहता था। शाम की व्यवस्था भी बहुत मजबूत थी।
पंडित नेकराम शर्मा को ताश खेलने का बहुत शौक था तो वे बड़े चाव से पत्रकारों और नेताओं को आमंत्रित करते थे।
पत्रकार,संपादक राजनेता सभी अपनी अपनी सुविधा से पंडित नेकराम शर्मा के आवास पर अड्डेबाजी के लिए पहुंचते रहते थे।
काफी हाउस में बैठनेवाले भी पंडित नेकराम शर्मा की बैठकी मैं जाते थे। मुझे ज्ञात है की तमाम देशों के राजनयिक भी उत्तर प्रदेश की राजनीति की नब्ज जानने के लिए पंडित नेकराम शर्मा के घर पहुंचते रहते थे।
जानेमाने अमरीकी लेखक और राजनीति शास्त्र के माहिर पाल ब्रास ने अपनी किताब चौधरी चरण सिंह_ एन इंडियन लाइफ कांग्रेस पॉलिटिक्स फ्रॉम 1937 टू 1961 के लिए पंडित नेकराम शर्मा का बहुत लंबा इंटरव्यू लिया था।
1971 के बांग्लादेश आजाद होने के बाद स्टेट्समैन के विशेष प्रतिनिधि हामिदी बे को अपने पुराने मित्र शेख मुजीबुर रहमान से लंदन बात कराने के लिए पंडित नेकराम शर्मा ने फोन से संपर्क कराया था।
आज भी पार्क रोड कालोनी में रहनेवाले मित्र पंडित नेकराम शर्मा के जलवे और उनके घर पर होनेवाली अड्डेबाजी खूब याद करते हैं।