13 साल के बच्चे को दी जीने की नई राह
लखनऊ। एक ऐसा स्वचलित अंग जिसका नियंत्रण दिमाग से होता है और इस अंग को पहली बार एरा इंस्टीट्यूट ऑफ एलाइड हेल्थ साइंसेज, एरा लखनऊ मेडिकल कॉलेज के रीहेबिलीटेशन एक्सपर्ट ने तैयार किया है।
अभी तक अमेरिका, स्वीडन और यूरोप में इस तरह के मायो इलेक्ट्रिक हैंड तैयार होते थे लेकिन एरा लखनऊ मेडिकल कॉलेज ने इस तरह का मायो इलेक्ट्रिक हैंड तैैयार करके कक्षा आठ के एक छात्र को जीने की नई राह दी है। 13 साल के इस छात्र के दोनों हाथ हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने की वजह से जल गए थे। उसका दाहिना हाथ कोहिनी के नीचे से काट दिया गया था और बायें हाथ की उंगलियां टेढ़ी हो गई थीं।
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