सऊदी अरब में मिस्यार अर्थात अस्थायी शादी का चलन आम हो गया है।
अरब न्यूज़ के अनुसार रियाज़ स्थित किंग सऊद यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर अली अलबक्र के अनुसार इस शादी को अनेक समस्याओं के हल के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने स्थानीय दैनिक से बातचीत में कहा, “मिस्यार शादी बहुत आम हो गयी है क्योंकि बहुत से लोग अपनी शादी को गुप्त रखना चाहते हैं। इसका एक कारण पहली बीवी की ओर से आपत्ति या परिवार की ओर से दूसरे दबाव भी है।” रिपोर्ट के अनुसार सऊदी अरब में शादी करना आसान नहीं है। इसका कारण बहुत सी सामाजिक एवं आर्थिक बाधाए हैं, जैसे दहेज, शादी का बड़ा ख़र्च और घर का अभाव।
मिस्यार शादी में महिला अपने कुछ अधिकारों को छोड़ देती है जो उसे स्थायी शादी में हासिल होते हैं। मिस्यार शादी के तहत बनने वाली बीवियां अपना घर नहीं छोड़तीं बल्कि मुलाक़ात के आधार पर इसे जारी रखती हैं। शादी कराने वाले कुछ अधिकारियों का कहना है कि 10 में से 7 मिस्यार अर्थात अस्थायी शादियां हो रही हैं और कुछ मामले ऐसे भी देखे गए हैं जब अस्थायी जीवन साथी की तलाश में मदद की अपील की जाती है। कुछ लोगों का मानना है कि ये सब तत्व मिस्यार शादी के चलन में प्रभावी बने हैं क्योंकि इनमें पारंपरिक रूप से होने वाली स्थायी शादी की तुलना में लचक है। एक सऊदी नागरिक ने मिस्यार शादी के बारे में कहा, “यह एक अस्थायी विकल्प है। हालांकि अनेक मामलों में यह देखा गया है कि महिलाएं इसे अच्छा नहीं समझतीं।”
अरब न्यूज के अनुसार सऊदी वकील सईद अलउमरी का कहना है कि मिस्यार शादी क़ानूनी दृष्टि से मान्य है क्योंकि इस शादी के अवसर पर अभिभावक और गवाहों की उपस्थिति ज़रूरी होती है। उन्होंने कहा कि यह न्याय मंत्रालय के क़ानून के अनुकूल है जिसमें पति को अनुबंध के काग़ज़ात पर दस्तख़त करने होते हैं और फिर इन काग़ज़ात को सऊदी अरब के शादी एक्ट के अनुसार स्थानीय अदालत प्रमाणित करती है।
हालांकि धर्मगुरुओं की बड़ी संख्या अस्थायी शादी की वैधता को मानती है क्योंकि यह युवा को शादी से हट कर अवैध शारीरिक संबंध से रोकती है, फिर भी इसे बहुत से संप्रदायों के बीच निषिद्ध समझा जाता है। वकील सईद अलउमरी ने कहा कि इस रिवाज का बहुत से लोगों ने दुरुपयोग किया और इसी कारण बहुत से समुदाय मिस्यार विवाह को औरत का अपमान समझते हैं।
सऊदी वकील सईद अलउमरी ने कहा कि मिस्यार विवाह से कुंवारे रहने, तलाक़ और विधवा होने की संभावना कम हो जाती है। यह उन युवाओं के लिए राहत का माध्यम है जो स्थायी शादी के अल्पकालिक और दीर्घकालिक ख़र्चा नहीं उठा सकते।
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