नई दिल्ली । नरेंद्र मोदी की सरकार के कैबिनेट विस्तार में किसी भी कांग्रेसी नेता का ना होना हैरान कर रहा है। यह नहीं हो सकता कि कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी या पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह वगैरह को आयोजन में भाग लेने के लिए ना निमंत्रण भेजा गया हो। निमंत्रण राष्ट्रपति भवन से विशिष्ट नागरिकों को भेजे जाते हैं। माना जा सकता है कि कांग्रेस ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया।
दि हिन्दू अखबार के राजनीतिक संपादक वर्गीज जार्ज ने कहा कि उन्हें याद नहीं आ रहा कि पहले हुए कैबिनेट के शपथ ग्रहण समारोहों में विपक्षी दलों के नेता ना पहंचे हों।
आडवाणी-जेटली जाते थे
यूपीए के राज में हुए सभी कैबिनेट विस्तार के कार्यक्रमों में भाजपा के नेता मौजूद रहते थे। लाल कृष्ण आडवाणी और अरुण जेटली तो आमतौर पर मौजूद रहते ही थे। वे समारोह के बाद नए मंत्रियों को बधाई भी देते थे।
वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस से किसी नेता का ना होना बेहद खराब परम्परा की शुरूआत है। शपथ ग्रहण समारोह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है। इसमें राष्ट्रपति और उफ राष्ट्रपति भी रहते हैं। बेहतर होता कि कांग्रेस के नेता भी इसमें भाग लेते और नए मंत्रियों को बधाई देते ।