ग़ज़्ज़ा पर ज़ायोनी सेना के हमले से हुयी तबाही के मलबे को उठाने के लिए लगभग तीन करोड़ डॉलर का ख़र्च आएगा।
समाचार एजेंसी सफ़ा के अनुसार जॉर्डन और फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों में इवेन्जलिकल लूथरन चर्च से जुड़े पर्यावरण प्रशिक्षण केन्द्र में एक रिपोर्ट में कहा कि ग़ज़्ज़ा पट्टी में ज़ायोनी सेना के 50 दिवसीय हमले से हुयी तबाही से तीन से चार हज़ार टन मलबा जमा हुआ है जिसने उठाने के लिए 3 करोड़ डालर का ख़र्च आएगा।
इस रिपोर्ट के अनुसार इन मलबों को उठाने में छह से आठ महीने का वक़्त लगेगा और यह ऐसी हालत में है फ़िलिस्तीन के श्रम मंत्रालय ने जो पुराने व घिसे हुए उपकरण ग़ज़्ज़ा के हवाले किए हैं उनसे इन मलबों का केवल बीस प्रतिशत भाग ही उठ सकेगा।
आंकड़ों के अनुसार ग़ज़्ज़ा पर 8 इस्राईल के हालिया हमलों में हुयी तबाही इस क्षेत्र पर 2012 में इस्राईल के हमलों में हुयी तबाही की तुलना में पांच गुना ज़्यादा है। इस रिपोर्ट में विश्व के शांति कार्यकर्ताओं और पर्यावरण की रक्षा के समर्थकों से अपील की गयी है कि ग़ज़्ज़ा पर हमले से हुयी तबाही से उत्पन्न मलबों को उठाने के लिए क़दम उठाएं और पर्यावरण त्रासदी को उत्पन्न होने से रोकें क्योंकि यह त्रासदी केवल इस क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगी।