अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई को अक्तूबर में तकफ़ीरी आतंकवादी गुट आईएसआईएल के संबंध में एक ख़त भेजा, अमरीकी दैनिक वॉल स्ट्रीट जर्नल ने गुरुवार को ख़बर दी है।
अबनाः अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई को अक्तूबर में तकफ़ीरी आतंकवादी गुट आईएसआईएल के संबंध में एक ख़त भेजा, अमरीकी दैनिक वॉल स्ट्रीट जर्नल ने गुरुवार को ख़बर दी है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार इस गोपनीय ख़त में तकफ़ीरी आतंकवादी गुट आईएसआईएल के ख़िलाफ़ लड़ाई में अमरीका-ईरान संयुक्त हितों पर बल दिया गया है। इस समाचार पत्र ने उन लोगों का हवाला दिया जिन्हें इस ख़त के संबंध में हिदायत दी गयी थी लेकिन साथ ही कहा कि वाइट हाउस के अधिकारियों ने इस समाचार पत्र के साथ चर्चा करने से मना कर दिया।
वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, “ प्रशासनिक अधिकारियों ने इस ख़त के वजूद से इंकार नहीं किया जब विदेशी कूटनयिकों ने हालिया दिनों में इस संबंध में सवाल किये।”
पत्रकारों के सवाल के जवाब में वाइट हाउस ने सिर्फ़ यह कहा कि ईरान और गुट पांच धन एक के बीच परमाणु वार्ता के अवसर पर आईएसआईएल के ख़तरे पर चर्चा की गयी।
वाइट हाउस के प्रवक्ता जॉश अर्नेस्ट ने कहा, “ हम इस पोज़ीशन में नहीं है कि राष्ट्रपति और दुनिया के किसी नेता के बीच व्यक्तिगत पत्राचार के बारे में चर्चा करें।”
तकफ़ीरी आतंकवादी जिन्हें अमरीका ने 2012 में जॉर्डन में सीआईए के ज़रिए ट्रेनिंग दिलवाई ताकि सीरिया की सरकार को अस्थिर कर सकें, इस समय इराक़-सीरिया के सीमावर्ती क्षेत्रों पर क़ब्ज़ा किए हुए हैं। उन्होंने इराक़ और सीरिया में अपने जघन्य अपराध जारी रखते हुए शीया, सुन्नी, कुर्द, ईसाई और ईज़दी कुर्द सहित सभी संप्रदायों को धमकी दी है। अमरीकी युद्धक विमान अगस्त के शुरु से आईएसआईएल के ख़िलाफ़ इराक़ में हवाई हमले कर रहे हैं। इराक़ में हो रहे इन हवाई हमलों में कुछ पश्चिमी देश भी शामिल हुए हैं।
सितंबर के अंतिम दिनों में अमरीका और उसके कुछ अरब घटक देश, दमिश्क़ सरकार और संयुक्त राष्ट्र संघ की इजाज़त के बिना सीरिया में आईएसआईएल के ख़िलाफ़ हवाई हमले कर रहे हैं।
इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने कहा है कि आईएसआईएल के ख़िलाफ़ अमरीका और उसके घटकों की कार्यवाही वास्तविक नहीं है और आईएसआईएल तथा अलक़ाएदा जैसे गुटों को ईरान के ख़िलाफ़ मुक़ाबले तथा मध्यपूर्व और अफ़्रीक़ा में इस्लामी जागरुकता की लहर को दबाने के लिए बनाया गया है। उन्होंने इस बात का उल्लेख करते हुए कि अमरीका की अगुवाई में गठित गठबंधन आईएसआईएल को मुसलमानों के बीच फूट डालने के हथकंडे के रूप में प्रयोग कर रहा है, शीया और सुन्नी मुसलमानों से ऐसे किसी भी क़दम से बचने की अपील कि जिससे दुश्मन फ़ायदा उठा सके। पिछले महीने वरिष्ठ नेता ने कहा, “ शीयों और सुन्नियों को अपनी पवित्र आस्थाओं का अनादर तथा एक दूसरे की भावनाओं को भड़का कर दुश्मन की मदद नहीं करनी चाहिए।”