नई दिल्ली: गुजरात दंगा (Gujarat riots) मामले में नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दिए जाने को जाकिया जाफरी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
न्यायमूर्ति ए0 एम0 खानोलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी विधवा ज़किया जाफरी याचिका पर सुनवाई की मंजूरी दे दी, जो दंगों में मारे गए थे।
बताते चले कि वर्ष 2002 में गुजरात दंगों में बहोत बेरहमी से अहसान जाफरी के साथ ५० से अधिक अन्य लोगों को मारा गया था | हिंसक भीड़ ने उनके घर में मौत का तांडव किया | गौरतलब है कि उस वक़्त नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे | जो गुजरात दंगों में मुस्लिमों पे ज़ुल्म ओ अत्याचार को रोकने के बजाए चुप्पी साधे थे | ज़किया जाफरी अहसान जाफरी कि विधवा है अत्याचार के वक़्त को आँखों के सैलाब में डूबी हुवी इंसाफ की गुहार लगा रही हैं |
जाकिया जाफरी ने एसआईटी की ओर से पीएम मोदी को क्लीनचिट दिए जाने के गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। दरअसल, पिछले साल अक्टूबर महीने में वर्ष 2002 में गुजरात में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री (वर्तमान प्रधानमंत्री) मोदी को क्लीन चिट बरकरार रखते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने जकिया जाफरी की याचिका को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट ने साफ कर दिया था कि गुजरात दंगों की दोबारा जांच नहीं होगी।
गुजरात हाई कोर्ट जकिया जाफरी की उस याचिका पर अपना आदेश सुनाया था जिसमें 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के संबंध में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को विशेष जांच दल द्वारा दी गई क्लीन चिट को बरकरार रखने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी। याचिका में मांग की गई थी कि मोदी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों एवं नौकरशाहों सहित 59 अन्य को साजिश में कथित रूप से शामिल होने के लिए आरोपी बनाया जाए।