सऊदी अरब ने दो सप्ताह से ज्यादा समय बाद शनिवार को स्वीकार किया कि उसके आलोचक रहे जमाल खशोगी की इस्तांबुल स्थित वाणिज्य दूतावास में हत्या कर दी गई। खशोगी की गुमशुदगी ने उसे अब तक के सबसे खराब अंतरराष्ट्रीय संकट में डाल दिया था।
सऊदी अरब ने उप खुफिया प्रमुख अहमद अल-असिरी और शाही अदालत के मीडिया सलाहकार सौद अल-काहतानी को बर्खास्त कर दिया। ये दोनों, शहजादे मोहम्मद बिन सलमान के शीर्ष सहायक थे जो खशोगी के मामले में बढ़ते दबाव का सामना कर रहे थे।
गौरतलब है कि सऊदी अरब खशोगी की हत्या के बारे में लगातार इनकार करता आ रहा था, जिस पर उसके सबसे बड़े समर्थक अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगर यह साबित हुआ कि पत्रकार की हत्या हुई है तो वह उस पर प्रतिबंध लगा सकता है।
इसके बाद सऊदी अरब ने यह स्वीकार किया कि खशोगी की हत्या उसके अधिकारियों के हाथों हुई है। सऊदी के अटॉर्नी जनरल शेख साद-अल-मोजेब ने कहा कि दूतावास में चर्चा के बहस में बदल जाने के बाद खशोगी की मौत हुई। उन्होंने यह नहीं बताया कि पत्रकार का शव कहां है।
अटॉर्नी जनरल ने एक बयान में कहा, ‘‘प्रारंभिक जांच में पता चला कि उनके और उनसे मिलने वाले लोगों के बीच इस्तांबुल के सऊदी अरब वाणिज्य दूतावास में हुई चर्चा पहले विवाद और बाद में लड़ाई में बदल गई जिसके बाद जमाल खशोगी की मौत हो गई।
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें।’’ खशोगी की मौत की पुष्टि होने पर व्हाइट हाउस ने कहा कि वह ‘‘दुखी’’ है लेकिन उसने अपने प्रमुख सहयोगी देश के खिलाफ संभावित कार्रवाई का कोई जिक्र नहीं किया।
.@antonioguterres is deeply troubled by the confirmation of the death of Jamal Khashoggi. He stresses the need for a prompt, thorough and transparent investigation and full accountability for those responsible. Full statement here: https://t.co/izkkQVmA5m
— UN Spokesperson (@UN_Spokesperson) October 20, 2018
सऊदी अरब के शहजादे के आलोचक रहे और वाशिंगटन पोस्ट में काम करने वाले खशोगी को आखिरी बार दो अक्टूबर को इस्तांबुल में अपने देश के दूतावास में जाते देखा गया था उसके बाद से वह लापता थे। उनके लापता होने पर रहस्य बन गया था।
तुर्की के अधिकारियों ने सऊदी अरब पर उनकी हत्या करने और उनके शव को विखंडित करने का आरोप लगाया था। सरकारी अभियोजक ने कहा कि मामले की जांच के संबंध में 18 लोगों को हिरासत में लिया गया। सभी सऊदी अरब के नागरिक थे।